ऋषभ शेट्टी की फिल्म 'कांतारा: चैप्टर 1' पर फैंस की नकल पर चेतावनी

ऋषभ शेट्टी की फिल्म 'कांतारा: चैप्टर 1' ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाई है और सोशल मीडिया पर भी इसे शानदार प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। हाल ही में, निर्माताओं ने एक बयान जारी कर दर्शकों से दैवीय पात्रों की नकल न करने की अपील की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि ऐसे कृत्य तुलु समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकते हैं। जानें इस फिल्म की कहानी और निर्माताओं की अपील के पीछे का कारण।
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फिल्म की सफलता और फैंस की प्रतिक्रिया

दक्षिण भारतीय सिनेमा के अभिनेता ऋषभ शेट्टी की फिल्म 'कांतारा: चैप्टर 1' बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन कर रही है। इसे सोशल मीडिया पर भी दर्शकों से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक प्रशंसक दैवीय रूप में तमिलनाडु के एक सिनेमा हॉल में प्रवेश करता हुआ नजर आया। कुछ अन्य प्रशंसक फिल्म के एक दृश्य का प्रदर्शन भी कर रहे थे। इस पर, फिल्म के निर्माताओं ने एक आधिकारिक बयान जारी कर दर्शकों से दैवीय पात्रों की नकल न करने की अपील की।


निर्माताओं की चेतावनी

होम्बले फिल्म्स के एक्स अकाउंट पर साझा किए गए बयान में कहा गया, "धैवराधने कर्नाटक के तटीय क्षेत्र तुलुनाडु में आस्था और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक है। हमारी फिल्में, 'कांतारा' और 'कांतारा: चैप्टर 1', इस भक्ति को सम्मानपूर्वक दर्शाने के लिए बनाई गई हैं। हमने यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए हैं कि धैवराधने के प्रति सम्मान और भक्ति का आदर किया जाए।"


अनुचित व्यवहार पर फटकार

निर्माताओं ने आगे कहा, "हमें मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया के लिए हम आभारी हैं, लेकिन हमने देखा है कि कुछ लोग फिल्म के दैवीय पात्रों की नकल कर रहे हैं और सार्वजनिक स्थानों पर अनुचित व्यवहार कर रहे हैं। हमारी फिल्म में दिखाए गए देव पूजा की गहरी आध्यात्मिक परंपरा है और इसका उद्देश्य केवल पात्र निभाना नहीं है। ऐसे कृत्य हमारी आस्था को कमजोर करते हैं और तुलु समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं।"


फिल्म की कहानी

'कांतारा: चैप्टर 1' कर्नाटक के कदंब राजवंश के शासनकाल पर आधारित है। इस फिल्म में ऋषभ शेट्टी के साथ रुक्मिणी वसंत, जयराम और गुलशन देवैया जैसे कलाकार भी हैं।