उत्तर प्रदेश की नई शराब नीति: ऑनलाइन प्रक्रिया और कंपोजिट दुकानों का प्रावधान

उत्तर प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति
उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025-26 के लिए अपनी नई आबकारी नीति में शराब और बीयर की दुकानों के संचालन के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इस नीति का मुख्य उद्देश्य न केवल राजस्व में वृद्धि करना है, बल्कि शराब के व्यापार में पारदर्शिता लाना और एकाधिकार को समाप्त करना भी है।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
यदि आप उत्तर प्रदेश में शराब की दुकान खोलने की योजना बना रहे हैं, तो अब यह प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन हो गई है। आपको आवेदन के लिए upexcise.in वेबसाइट पर जाना होगा। आवेदन शुल्क ₹90,000 निर्धारित किया गया है, जो कि वापस नहीं किया जाएगा।
इस नई नीति के तहत दुकानों का आवंटन ई-लॉटरी सिस्टम के माध्यम से किया जाएगा, जिससे भ्रष्टाचार की संभावनाएं कम होंगी। एक व्यक्ति पूरे राज्य में अधिकतम दो दुकानें ही ले सकता है। इसके अलावा, पुरानी दुकानों के नवीनीकरण की प्रक्रिया समाप्त कर दी गई है, जिसका अर्थ है कि हर साल नई लॉटरी आयोजित की जाएगी।
कंपोजिट दुकानों का प्रावधान
नई नीति में “कंपोजिट दुकानों” का एक नया प्रावधान जोड़ा गया है। इन दुकानों में एक ही स्थान पर देशी शराब, विदेशी शराब, बीयर और वाइन उपलब्ध होंगी। इन दुकानों को बाद में मॉडल शॉप में भी परिवर्तित किया जा सकता है, जिसके लिए अलग से शुल्क देना होगा। हालांकि, इन दुकानों में शराब पीने की अनुमति नहीं होगी।
होम लाइसेंस की आवश्यकता
घर में निर्धारित मात्रा से अधिक शराब रखने के लिए अब होम लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। इसकी वार्षिक फ़ीस ₹11,000 है और इतनी ही राशि सुरक्षा के रूप में जमा करनी होगी।
लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को कम से कम 21 साल का भारतीय नागरिक होना चाहिए और उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए। आवेदन के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी, पिछले तीन वर्षों का आयकर रिटर्न और शपथ पत्र जैसे दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी।