आयुर्वेद में भांग के औषधीय गुण और स्वास्थ्य लाभ
आयुर्वेद का परिचय
आयुर्वेद (आयुः + वेद = आयुर्वेद) विश्व की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणाली में से एक है। यह विज्ञान, कला और दर्शन का एक अद्भुत मिश्रण है। 'आयुर्वेद' का अर्थ है 'जीवन का अमृत ज्ञान', जो इस प्रणाली का सार है। आयुर्वेद भारतीय चिकित्सा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो मानव शरीर को स्वस्थ रखने, रोगों से मुक्ति दिलाने और जीवनकाल बढ़ाने से संबंधित है।
भांग का महत्व
हम आपको एक ऐसे पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं, जो स्वास्थ्य के लिए कॉफी से भी अधिक लाभकारी है। यह पौधा भांग के नाम से जाना जाता है और इसे आसानी से कहीं भी पाया जा सकता है। भांग के मादा पौधे की मंजरियों से गांजा प्राप्त होता है। इस पौधे में कैनाबिनोल नामक रासायनिक तत्व पाया जाता है, जो इसे पित्त और कफ नाशक बनाता है।
भांग के फायदे
1. सीमित मात्रा में भांग का सेवन करने से इंद्रियों की संवेदनशीलता बढ़ती है, जिससे सुनने और देखने की क्षमता में सुधार होता है। यह खराब मूड को भी ठीक कर सकता है।
2. भांग के पत्तों का रस कान में डालने से कीड़े मर जाते हैं और कान का दर्द कम होता है।
3. सिरदर्द से राहत पाने के लिए भांग के पत्तों को पीसकर सूंघना फायदेमंद होता है।
4. भुनी हुई 125 मिलीग्राम भांग को 2 ग्राम काली मिर्च और 2 ग्राम मिश्री के साथ मिलाकर सेवन करने से दमा में राहत मिलती है।
5. भांग के बीजों में प्रोटीन और 20 प्रकार के अमीनो एसिड होते हैं, जो मांसपेशियों के विकास में सहायक होते हैं। वर्कआउट के बाद इन बीजों को जूस में मिलाकर पीने से लाभ होता है।