आयकर रिफंड में देरी के कारण और समाधान

आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा समाप्त
आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समय सीमा 16 सितंबर को समाप्त हो गई, और अब लाखों करदाताओं को अपने रिफंड का इंतजार है। आयकर विभाग से रिफंड में देरी की चिंताएं हैं, खासकर जब रिफंड राशि 50,000 रुपये से अधिक हो। आयकर नियमों के अनुसार, रिफंड की कोई ऊपरी सीमा नहीं है - चाहे वह 10,000 रुपये हो, 1,00,000 रुपये या उससे अधिक, प्रक्रिया समान रहती है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि बड़ी रिफंड राशि पर अतिरिक्त जांच हो सकती है, जिससे थोड़ी देरी हो सकती है।
जल्दी ITR दाखिल करने के लाभ
यदि आपने समय सीमा से पहले अपने ITR को दाखिल किया, तो आपकी ई-प्रमाणीकरण प्रक्रिया संभवतः कुछ घंटों में पूरी हो गई। कई मामलों में, ITR को उसी दिन संसाधित किया गया और रिफंड भी शुरू कर दिए गए। लेकिन जो करदाता 15 सितंबर या अंतिम दिन 16 सितंबर को दाखिल करते हैं, उनके लिए प्रक्रिया धीमी होती है और ई-प्रमाणीकरण में 24-48 घंटे लग सकते हैं, क्योंकि ई-फाइलिंग पोर्टल पर भारी भीड़ होती है।
आप अपने रिफंड की उम्मीद कब कर सकते हैं?
आयकर विभाग के अनुसार, रिफंड आमतौर पर ई-प्रमाणीकरण प्रक्रिया के बाद 2 से 5 सप्ताह के भीतर आपके बैंक खाते में पहुंच जाते हैं। यदि रिटर्न सरल है, जैसे केवल वेतन आय और बुनियादी कटौतियाँ, तो रिफंड जल्दी आपके खाते में जमा हो सकता है।
यदि रिटर्न में पूंजीगत लाभ, व्यवसाय की आय या कई कटौतियाँ शामिल हैं, तो अतिरिक्त जांच की आवश्यकता हो सकती है, जिससे थोड़ी देरी हो सकती है।
आयकर रिफंड में देरी के कारण
कई कारण हैं जिनसे रिफंड में देरी हो सकती है, जैसे गलत IFSC कोड या बंद खाता, PAN, आधार या बैंक विवरण में त्रुटियाँ, TDS डेटा में असंगति, बैंक खाता पूर्व-मान्य नहीं है, या रिटर्न की जांच के लिए चिह्नित किया गया है।
ITR स्थिति कैसे जांचें?
- http://www.incometax.gov.in पर जाएं
- ई-फाइल टैब खोजें
- दाखिल की गई रिटर्न देखें पर क्लिक करें
- आपकी स्क्रीन पर रिफंड स्थिति प्रदर्शित होगी