अलास्का का उत्कियागविक: जहां सूरज 63 दिन तक नहीं निकलता
अलास्का में सूरज की अनुपस्थिति
यहां अब 22 जनवरी 2026 को निकलेगा सूर्यImage Credit source: X/@Rainmaker1973
सर्दियों में सूरज की रोशनी कम होने की स्थिति आम होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि धरती पर एक ऐसा स्थान है जहां सूरज दो महीने तक नहीं निकलता? यह स्थान अलास्का का उत्कियागविक शहर है, जिसे पहले बैरो के नाम से जाना जाता था। इस शहर की जनसंख्या लगभग 4600 है, और यहां 18 नवंबर को इस वर्ष का अंतिम सूर्यास्त हुआ, जिसके बाद सूरज 22 जनवरी 2026 तक नहीं निकलेगा।
यह शहर आर्कटिक सर्कल के उत्तर में लगभग 483 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और यहां लंबे समय तक अंधेरा रहता है। उत्तरी गोलार्ध के झुकाव के कारण, सितंबर से मार्च के बीच सूर्य की रोशनी कम होती जाती है, और दिसंबर के आसपास यह स्थिति अपने चरम पर पहुंच जाती है। इस दौरान कभी-कभी यहां ऑरोरा बोरियालिस का नजारा देखने को मिलता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि उत्कियागविक में अगला सूर्योदय 22 जनवरी 2026 से पहले नहीं होगा।
सर्दियों में तापमान की चुनौतियां
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ध्रुवीय रात के दौरान यहां की स्थिति बेहद कठिन होती है। तापमान अक्सर शून्य डिग्री फारेनहाइट से भी नीचे चला जाता है, जिससे निवासियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे-जैसे बसंत का आगमन होता है, दिन का उजाला धीरे-धीरे लौटने लगता है, और मई के मध्य तक सूरज पूरी तरह से चमकने लगता है। इस समय से लेकर अगस्त की शुरुआत तक सूरज कभी नहीं डूबता, जिससे यहां 24 घंटे दिन का उजाला बना रहता है।
दक्षिणी ध्रुव पर सूर्य की निरंतरता
दक्षिणी ध्रुव पर यह घटना और भी अधिक नाटकीय होती है। जहां आर्कटिक के शहर हफ्तों तक अंधेरे में रहते हैं, वहीं दक्षिणी ध्रुव पर लगभग छह महीने तक लगातार सूर्य की रोशनी रहती है। यह पृथ्वी के झुकाव के प्रभाव के कारण होता है। जब आर्कटिक में अंधेरा होता है, तब दक्षिणी ध्रुव पर धूप निकलती है, और जब आर्कटिक में सूर्य चमकता है, तब दक्षिणी ध्रुव अपनी अर्धवार्षिक रात में चला जाता है।
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The Sun has officially set in Barrow, Alaska, and it won’t rise again until January 22, 2026. pic.twitter.com/l1xlVI4C1C
— Massimo (@Rainmaker1973) November 20, 2025
