अमजद खान की जयंती: बॉलीवुड के गब्बर सिंह की यादें

अमजद खान की जयंती पर हम उनके जीवन और करियर की चर्चा करते हैं। हिंदी सिनेमा के इस महान खलनायक ने गब्बर सिंह के किरदार से दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई। जानें उनके अन्य सफल किरदारों और फिल्मों के बारे में, जो आज भी लोगों के बीच लोकप्रिय हैं।
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अमजद खान की जयंती: बॉलीवुड के गब्बर सिंह की यादें

अमजद खान की जयंती

अमजद खान की जयंती: हिंदी सिनेमा के 70 से 90 के दशक के बीच कई प्रभावशाली खलनायक देखने को मिले हैं। इस समय में बॉलीवुड की फिल्मों में न केवल नायकों और नायिकाओं की चर्चा होती थी, बल्कि विलेन भी चर्चा का विषय बनते थे। जब भी बेहतरीन खलनायकों की बात होती है, अमजद खान का नाम अवश्य लिया जाता है। उन्होंने फिल्म ‘शोले’ में गब्बर सिंह का किरदार निभाकर अपार सफलता प्राप्त की थी।


अमजद खान का जन्म और करियर

यदि अमजद खान जीवित होते, तो आज वे 85 वर्ष के होते। उनका जन्म 1940 में मुंबई में हुआ था, और वे 90 के दशक की शुरुआत में निधन हो गए। आज भी उन्हें शोले के गब्बर सिंह के रूप में याद किया जाता है, लेकिन उन्होंने इस फिल्म के अलावा एक अन्य फिल्म में भी गब्बर सिंह का किरदार निभाया था, जो भी सफल रही।


गब्बर सिंह का दूसरा रूप

अमजद खान ने अपने करियर की शुरुआत में ही एक महत्वपूर्ण पहचान बना ली थी। ‘शोले’ उनकी प्रारंभिक फिल्मों में से एक थी, जिसमें उन्होंने गब्बर सिंह का किरदार बखूबी निभाया। 1975 में आई इस फिल्म के 16 साल बाद, उन्होंने फिर से गब्बर सिंह का किरदार निभाया, इस बार फिल्म का नाम था ‘रामगढ़ के शोले’। यह फिल्म 1991 में रिलीज हुई थी और इसका निर्देशन अजित देवानी ने किया था।


ब्लॉकबस्टर फिल्म

यह फिल्म शोले की पैरोडी थी, लेकिन यह एक्शन के बजाय कॉमेडी पर आधारित थी। इसमें अमिताभ बच्चन और देव आनंद के डुप्लीकेट्स के साथ-साथ अनिल कपूर और गोविंदा के डुप्लीकेट्स ने भी काम किया। इस फिल्म की शूटिंग केवल 40 दिनों में पूरी हुई थी और यह 34 साल पुरानी होने के बावजूद दर्शकों को बहुत पसंद आई और टिकट खिड़की पर सफल रही।


अमजद खान का निधन

अमजद खान ने अपने करियर में कई बेहतरीन फिल्में दीं, जिनमें मुकद्दर का सिकंदर, नसीब, चंबल की कसम, देस परदेस, नास्तिक, याराना और लावारिस शामिल हैं। उनका निधन 27 जुलाई 1992 को 51 वर्ष की आयु में हुआ।