अक्षय कुमार और करण जौहर का नया फैशन शो 'पिच टू गेट रिच' - जानें क्या है खास

अक्षय कुमार और करण जौहर का नया शो 'पिच टू गेट रिच' फैशन उद्योग में एक नया मोड़ लाने के लिए तैयार है। इस शो में 14 पिचर्स को 60 सेकंड में अपने विचार प्रस्तुत करने का मौका मिलता है। शो का अनोखा प्रारूप और चुनौतियाँ इसे 'शार्क टैंक इंडिया' से अलग बनाती हैं। जानें इस शो में क्या खास है और कैसे पिचर्स को नए अवसर मिलते हैं, भले ही वे पहले राउंड में रिजेक्ट हो जाएं।
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अक्षय कुमार और करण जौहर का नया फैशन शो 'पिच टू गेट रिच' - जानें क्या है खास

फैशन की दुनिया में नया शो

अक्षय कुमार और करण जौहर का नया फैशन शो 'पिच टू गेट रिच' - जानें क्या है खास

मलाइका अरोड़ा, मनीष मल्होत्रा और सैफ अली खान के सामने फैशन फाउंडर्स की अग्निपरीक्षा!Image Credit source: सोशल मीडिया


पिच टू गेट रिच का प्रारूप: 'मेक इन इंडिया' के तहत जब 'शार्क टैंक इंडिया' जैसे बिजनेस रियलिटी शो का आगाज हुआ, तब स्टार्टअप्स में हलचल मच गई। अब इसी तर्ज पर एक नया फैशन बिजनेस रियलिटी शो जियो हॉटस्टार पर प्रसारित हो रहा है। इस शो में अक्षय कुमार और करण जौहर जैसे बड़े नाम शामिल हैं, साथ ही मलाइका अरोड़ा, मनीष मल्होत्रा और सैफ अली खान भी नजर आएंगे। हम बात कर रहे हैं 'पिच टू गेट रिच' की।


शुरुआत में यह शो ‘शार्क टैंक इंडिया‘ का फैशन संस्करण प्रतीत हो सकता है, लेकिन इसकी कहानी और प्रारूप सोनी लिव के शो से पूरी तरह भिन्न है। आइए जानते हैं कि यह नया कॉन्सेप्ट 'शार्क टैंक' से किस प्रकार अलग है और इसमें क्या नया जोड़ा गया है।


शो का अनोखा कॉन्सेप्ट

यदि आप सोचते हैं कि 'पिच टू गेट रिच' केवल फैशन का 'शार्क टैंक इंडिया' है, तो आप गलत हैं। दोनों शो के कॉन्सेप्ट में बड़ा अंतर है। 'शार्क टैंक' में फाउंडर्स (पिचर्स) निवेशकों (शार्क) से डील फाइनल करने के लिए संघर्ष करते हैं, जबकि 'पिच टू गेट रिच' में केवल फैशन इंडस्ट्री से जुड़े फाउंडर्स को शामिल होने का मौका मिलता है। पहले राउंड में 14 चयनित पिचर्स को अपने कॉन्सेप्ट को प्रस्तुत करने के लिए केवल 60 सेकंड मिलते हैं।


पिचर्स के लिए चुनौती

अगले राउंड, जिसे 'द बोर्ड रूम' कहा जाता है, में पहुंचने के लिए पिचर्स को सभी निवेशकों को प्रभावित करना होता है। 'द बोर्ड रूम' वह स्थान है जहां असली मोलभाव होता है और डील पक्की हो सकती है।


रिजेक्ट होने पर भी अवसर

इस शो का सबसे बड़ा ट्विस्ट यह है कि यदि कोई पिचर पहले राउंड में रिजेक्ट हो जाता है, तो उसे बाहर नहीं किया जाता। उन्हें और अवसर दिए जाते हैं। पूरे शो के लिए ₹30 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है, जिसे 14 पिचर्स के बीच बांटा जा सकता है।


अग्निपरीक्षा का सामना

पहले दिन रिजेक्ट हुए पिचर्स को तुरंत बाहर नहीं किया जाता, बल्कि उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।


  • पहली चुनौती: उन्हें 48 घंटों के भीतर एक पूरा फैशन शो तैयार करना होता है।


  • अगली चुनौती: दो रियल कस्टमर्स के लिए प्रोडक्ट्स बनाने का टास्क दिया जाता है।


  • तीसरी चुनौती: टिकाऊ फैशन प्रोडक्ट्स बनाने के लिए दो कंपनियों को मिलकर काम करना होता है।


प्रोडक्ट लॉन्च और फाइनल डील का रोमांच

शो के प्रारंभिक चरणों में, डिजाइनर आउटफिट्स केवल फाउंडर्स और पिचर्स के लिए होते हैं। लेकिन, लेवल 6 से ये आम ग्राहकों के लिए भी उपलब्ध हो जाते हैं। एपिसोड 6 में, उन्हें अपने प्रोडक्ट्स की बिक्री करने का चैलेंज दिया जाता है। ग्रैंड फिनाले की ओर बढ़ते हुए, बचे हुए पांच पिचर्स को निवेशकों के सामने अपने बचे हुए बजट में डील क्रैक करने का मौका मिलता है।


एक अनोखा रियलिटी शो

जिस ब्रांड के पास सबसे ज्यादा पॉइंट्स होते हैं, उसे 'द बोर्ड रूम' में डील क्रैक करने का लाभ मिलता है। कुल मिलाकर, 'पिच टू गेट रिच' केवल पैसे के लेन-देन का मंच नहीं है, बल्कि यह फैशन में बिजनेस बनाने की एक लंबी दौड़ है। यह शो दर्शकों को एक दिलचस्प अनुभव प्रदान करता है, जहां हर असफलता के बाद वापसी का एक मौका दिया जाता है।