उदित नारायण के करियर को लेकर माता-पिता की थी अलग-अलग राय

मुंबई, 31 मई (आईएएनएस)। गायक उदित नारायण ने फिल्म इंडस्ट्री को अनगिनत यादगार गाने दिए हैं। उन्होंने अपने माता-पिता से जुड़े एक किस्से को शेयर किया और बताया कि उनके करियर को लेकर दोनों की इच्छा अलग-अलग थीं।
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उदित नारायण के करियर को लेकर माता-पिता की थी अलग-अलग राय

मुंबई, 31 मई (आईएएनएस)। गायक उदित नारायण ने फिल्म इंडस्ट्री को अनगिनत यादगार गाने दिए हैं। उन्होंने अपने माता-पिता से जुड़े एक किस्से को शेयर किया और बताया कि उनके करियर को लेकर दोनों की इच्छा अलग-अलग थीं।

प्रसार भारती ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें गायक अपने बचपन के दिनों से लोकप्रियता और संगीत के प्रति अपने माता-पिता के नजरिए के बारे में बात करते दिखाई दिए।

जब उनसे पूछा गया कि उनके पिता ने उन्हें किस क्षेत्र में आगे बढ़ने या करियर बनाने के लिए कहा था, तो गायक ने बताया, "मेरे पिता मुझसे कहते थे कि कुछ बड़ा करो और गर्व महसूस कराओ, लेकिन संगीत में नहीं। वह मुझसे कहते थे कि इंजीनियर बनो, डॉक्टर बनो। लेकिन, मेरी मां मुझसे कहती थीं कि संगीत में कुछ करो।"

उन्होंने आगे बताया कि यह उनकी कड़ी मेहनत है, जिसकी वजह से उन्हें कई सारे गाने के ऑफर मिल रहे हैं और उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने में सफलता मिली है।

उन्होंने बताया, "आज ईश्वर ने मुझे जो कुछ भी दिया है, भगवान सबको वही दे, लेकिन आज मैं जिस मुकाम पर हूं, जिस तरह से आप मुझे देख रहे हैं, इसके लिए मैंने बहुत मेहनत की है।"

साल 1988 में आई जूही चावला-आमिर खान स्टारर रोमांटिक फिल्म 'कयामत से कयामत तक' के गाने 'पापा कहते हैं' को उदित नारायण ने आवाज दी थी। इस गाने ने फिल्म की सफलता में न केवल महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, बल्कि उदित नारायण को म्यूजिक इंडस्ट्री का एक चमकता सितारा बना दिया।

उदित नारायण झा छोटी उम्र से ही गाना गाने लगे थे। नेपाली फिल्म से करियर की शुरुआत करने के बाद उन्होंने बॉलीवुड में ‘उन्नीस-बीस’ से डेब्यू किया। हालांकि, उनकी किस्मत आमिर खान की फिल्म से बदली।

उदित ने आमिर खान की फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ में ‘पापा कहते हैं, बड़ा नाम करेगा’ समेत कई गानों को अपनी आवाज दी। 'पापा कहते हैं' गाना सुपरहिट साबित हुआ। इस गाने के बाद उदित नारायण के पास ऑफर्स की लाइन लग गई। इस गाने के लिए उन्हें पहली बार सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था।

उन्होंने हिंदी, तेलुगू, कन्नड़, तमिल, बंगाली, सिंधी, उड़िया, भोजपुरी, नेपाली, मलयालम, असमिया, बघेली और मैथिली सहित कई अन्य भाषाओं में गाने गाए हैं। उन्होंने चार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते हैं।

भारत सरकार ने उन्हें 2009 में पद्म श्री और 2016 में पद्म भूषण से सम्मानित किया।

--आईएएनएस

एमटी/एबीएम