‘ओएमजी’ से ‘कार्तिकेय 2’ तक, लीला ही नहीं, इन फिल्मों में बखूबी दिखी ‘श्रीकृष्ण की शिक्षा’

मुंबई, 15 अगस्त (आईएएनएस)। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त को है। श्रीकृष्ण का जीवन और उनकी शिक्षाएं भारतीय संस्कृति और सिनेमा में हमेशा से प्रेरणा का स्रोत रही हैं। उनकी लीलाएं, भक्ति और भगवद् गीता के माध्यम से दिया गया ज्ञान न केवल आध्यात्मिक, बल्कि जीवन के दर्शन से भी जुड़ा है। सिनेमा जगत श्रीकृष्ण के ज्ञान और शिक्षाओं को प्रभावशाली ढंग से पेश करने में सफल रहा है। ओएमजी समेत ऐसी कई फिल्में हैं, जो मनोरंजन के साथ दर्शकों को दर्शन और जीवन मूल्यों से भी परिचित कराती हैं।
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‘ओएमजी’ से ‘कार्तिकेय 2’ तक, लीला ही नहीं, इन फिल्मों में बखूबी दिखी ‘श्रीकृष्ण की शिक्षा’

मुंबई, 15 अगस्त (आईएएनएस)। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त को है। श्रीकृष्ण का जीवन और उनकी शिक्षाएं भारतीय संस्कृति और सिनेमा में हमेशा से प्रेरणा का स्रोत रही हैं। उनकी लीलाएं, भक्ति और भगवद् गीता के माध्यम से दिया गया ज्ञान न केवल आध्यात्मिक, बल्कि जीवन के दर्शन से भी जुड़ा है। सिनेमा जगत श्रीकृष्ण के ज्ञान और शिक्षाओं को प्रभावशाली ढंग से पेश करने में सफल रहा है। ओएमजी समेत ऐसी कई फिल्में हैं, जो मनोरंजन के साथ दर्शकों को दर्शन और जीवन मूल्यों से भी परिचित कराती हैं।

'ओएमजी' आधुनिक संदर्भ में भगवान कृष्ण के दर्शन को दर्शाती है, वहीं 'कार्तिकेय 2' रहस्य और आध्यात्मिकता का मिश्रण है और 'कृष्ण और बलराम' बच्चों के लिए उनके जीवन को सरल बनाती हैं। ये फिल्में न केवल मनोरंजन करती हैं, बल्कि श्रीकृष्ण के ज्ञान और भक्ति को समझने का एक शानदार माध्यम भी हैं।

तेलुगू सिनेमा की रहस्यमयी और आध्यात्मिक थ्रिलर फिल्म 'कार्तिकेय 2' साल 2022 में आई थी। यह फिल्म श्री कृष्ण की पायल की खोज पर आधारित है। निखिल सिद्धार्थ स्टारर यह फिल्म पुरातत्व और आध्यात्मिकता को जोड़ती है, जिसमें श्रीकृष्ण की शिक्षाओं को सत्य की खोज और कर्तव्यनिष्ठा के रूप में दिखाया गया है। फिल्म में भगवान कृष्ण की रहस्यमय शक्ति और उनके दर्शन को आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत किया गया है, जो दर्शकों को उनकी बुद्धिमत्ता और दैवीय शक्ति से रूबरू कराता है। फिल्म में निखिल के साथ अभिनेत्री अनुपमा और अनुपम खेर भी अहम भूमिकाओं में हैं।

साल 2012 में आई थी 'ओएमजी: ओह माय गॉड!' यह फिल्म आधुनिक समय में श्रीकृष्ण की शिक्षाओं को एक अनोखे अंदाज में प्रस्तुत करती है। फिल्म में अक्षय कुमार श्री कृष्ण के किरदार में थे, जो एक नास्तिक दुकानदार (परेश रावल) को जीवन, धर्म और विश्वास का सही अर्थ समझाते हैं। फिल्म भगवद् गीता के कर्मयोग और निष्काम कर्म की अवधारणा को सरलता से पेश करती है। उमेश शुक्ला के निर्देशन में बनी यह फिल्म दिखाती है कि धर्म बाहरी रीति-रिवाजों से नहीं, बल्कि सच्चाई और नैतिकता से जुड़ा है। श्रीकृष्ण का यह आधुनिक अवतार दर्शकों को उनके दर्शन को रोजमर्रा की जिंदगी में लागू करने की प्रेरणा देता है।

'कृष्ण और बलराम' साल 2008 में आई थी। यह एनिमेटेड फिल्म श्रीकृष्ण और उनके भाई बलराम के बचपन की लीलाओं पर आधारित है। फिल्म में श्रीकृष्ण की बुद्धिमत्ता, नेतृत्व और विनम्रता को दिखाया गया है। यह बच्चों को उनके नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों, जैसे सत्य, प्रेम और कर्तव्य, से परिचित कराती है। श्रीकृष्ण की शिक्षाएं इस फिल्म में उनकी कहानियों के माध्यम से सरल और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत की गई हैं।

--आईएएनएस

एमटी/केआर