मैं डेमोक्रेट, लेकिन नेपाल को स्थिरता के लिए राजशाही चाहिए: मनीषा कोइराला

लंदन, 18 जुलाई (आईएएनएस)। अभिनेत्री, सोशल वर्कर और कैंसर से जंग जीत चुकीं मनीषा कोइराला ने लंदन में आयोजित एक खास कार्यक्रम में अपने विचार साझा किए। 'हियर एंड नाउ 365' के ताज 51 बकिंघम गेट के चैंबर्स में आयोजित इवेंट में मनीषा ने ब्रिटिश-भारतीय उद्यमी मनीष तिवारी के साथ बातचीत की, जिसमें उन्होंने नेपाल की राजनीति, स्वास्थ्य और अपने जीवन के अनुभवों पर चर्चा की।
इस कार्यक्रम में मनीषा ने अपनी जिंदगी, कैंसर से जंग, सामाजिक कार्य और नेपाल की राजनीति पर बात की। नेपाल की राजनीति पर विचार रखते हुए मनीषा ने कहा, “नेपाल में हर नेता पिछले नेता के काम को उलट देता है। इसलिए नेपाल में लोकतंत्र ठीक से काम नहीं करता और कोई भी सरकार यहां ज्यादा समय तक नहीं टिकती।”
हालांकि, उन्होंने खुद को पूरी तरह डेमोक्रेट बताया, लेकिन कहा, “मैं डेमोक्रेट हूं। लेकिन, मुझे लगता है कि नेपाल को स्थिरता के लिए राजशाही की जरूरत है।”
ब्रिटिश-भारतीय उद्यमी मनीष तिवारी ने जब उनके परिवार की राजनीतिक विरासत और प्रसिद्धि के बीच संतुलन के बारे में पूछा, तो मनीषा ने जवाब दिया, “मुझे अपने देश से बहुत प्यार है। लेकिन, मुझे चिंता है कि हमें सम्मान और स्थिरता चाहिए। हमें सरकारों से ज्यादा मजबूत संस्थानों की जरूरत है।”
अपने ओवेरियन कैंसर के दुखद अनुभव को याद करते हुए मनीषा ने कहा, “जब डॉक्टर ने बताया कि मुझे कैंसर है, तो लगा कि अब सब खत्म हो गया। लेकिन, भगवान की कृपा से मैं बच गई। मैंने फिर से जीना सीखा। मजबूती कोई बड़ा करतब नहीं है, यह छोटे-छोटे फैसलों का नतीजा है। परिस्थिति कैसी भी हो, हौसला बनाए रखना चाहिए।”
मनीषा ने एक्टिंग करियर के बारे में बताया कि बिना किसी ट्रेनिंग के उन्होंने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने बताया, “ मैंने 12वीं भी पूरी नहीं की थी और अचानक दिलीप कुमार और राज कुमार के साथ काम का ऑफर मिला और मैं सेट पर थी!”
‘1942: ए लव स्टोरी’, ‘बॉम्बे’ और ‘दिल से’ जैसी फिल्मों में काम करने वाली मनीषा को जब मनीष तिवारी ने सुझाव दिया कि वह नेपाल को दुनिया के सामने लाने के लिए कोई वैश्विक फिल्म प्रोजेक्ट करें, तो मनीषा ने मुस्कुराते हुए कहा, “आपने आज एक बीज बोया है, देखते हैं यह क्या बनता है।”
इसके साथ ही अभिनेत्री ने कोइराला लड़कियों के बारे में भी बात की। मनीषा ने कहा, “कोइराला महिलाएं इतनी आजाद हैं कि हर लड़की कोइराला बनना चाहती है, लेकिन कोई पुरुष कोइराला लड़की से शादी नहीं करना चाहता!”
--आईएएनएस
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