नारीत्व का अर्थ है, अपनी जिंदगी के फैसले स्वतंत्र रूप से लेने की आजादी और समानता : दिव्या दत्ता

मुंबई, 8 अगस्त (आईएएनएस)। अभिनेत्री दिव्या दत्ता अपनी शानदार एक्टिंग के साथ ही बेबाकी के लिए भी जानी जाती हैं। उन्होंने हाल में बताया कि उनके नारीत्व का क्या अर्थ है। उनका मानना है कि नारीत्व का अर्थ है अपनी जिंदगी के फैसले स्वतंत्र रूप से लेने की आजादी और समानता।
उन्होंने कहा कि नारीत्व का मतलब है बिना किसी पर निर्भर हुए अपने जीवन की दिशा खुद तय करना।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में दिव्या ने बताया कि समय के साथ नारीत्व की परिभाषा कैसे विकसित हुई। उन्होंने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि उनका पालन-पोषण ऐसे घर में हुआ, जहां उन्हें उनके भाई से भी ज्यादा आजादी मिली।
अभिनेत्री ने बताया, "मेरी मां ने मुझे हमेशा खुलकर जीने की छूट दी। मुझे कभी यह नहीं लगा कि लड़कियों के लिए चीजें ज्यादा मुश्किल हैं।"
हालांकि, बड़े होने पर उन्होंने देखा कि हर लड़की को ऐसी आजादी नहीं मिलती। कई बार लड़कियों को अपनी पसंद का पेशा चुनने का मौका तक नहीं मिलता। दिव्या के लिए नारीत्व का मतलब है अपनी शर्तों पर जिंदगी जीने की स्वतंत्रता। उन्होंने बताया, "महिलाओं को अपनी पसंद का रास्ता चुनने का हक होना चाहिए। समानता का मतलब है कि हर व्यक्ति को अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीने का अवसर मिले, बिना किसी पर निर्भर हुए।"
दिव्या की हालिया रिलीज वेब सीरीज 'मायासभा: द राइज ऑफ टाइटन्स' है। राजनीतिक ड्रामा का निर्देशन देवा कट्टा और किरण जय कुमार ने किया है। सीरीज में दिव्या के साथ आधि पिनिसेट्टी और चैतन्य राव, साई कुमार, श्रीकांत अय्यर और नासिर जैसे एक्टर्स भी अहम भूमिकाओं में हैं।
'मायासभा' की कहानी 1990 के दशक के आंध्र प्रदेश की अस्थिर राजनीतिक पृष्ठभूमि पर आधारित है। इसमें नारा चंद्रबाबू नायडू और वाई. एस. राजशेखर रेड्डी के बीच दोस्ती से लेकर राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता तक की यात्रा को पेश किया गया है।
यह वेब सीरीज सोनी लिव पर स्ट्रीम हो रही है।
--आईएएनएस
एमटी/एएस