'प्यासा' के स्पेशल प्रीमियर में बोले जावेद अख्तर, गुरुदत्त के साथ काम करने का सपना रह गया अधूरा

मुंबई, 7 अगस्त (आईएएनएस)। लीजेंड्री फिल्ममेकर गुरु दत्त की मास्टरपीस मूवी 'प्यासा' को हाल ही में 4के क्वालिटी में रिस्टोर किया गया।
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'प्यासा' के स्पेशल प्रीमियर में बोले जावेद अख्तर, गुरुदत्त के साथ काम करने का सपना रह गया अधूरा

मुंबई, 7 अगस्त (आईएएनएस)। लीजेंड्री फिल्ममेकर गुरु दत्त की मास्टरपीस मूवी 'प्यासा' को हाल ही में 4के क्वालिटी में रिस्टोर किया गया।

यह काम भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय की पहल पर राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन के तहत एनएफडीसी-एनएफएआई द्वारा किया गया है।

इस मूवी का स्पेशल प्रीमियर मुंबई में रखा गया। इससे पहले गीतकार जावेद अख्तर, फिल्मकार हंसल मेहता, आर बाल्की, सुधीर मिश्रा और सीनियर जर्नलिस्ट भावना सौम्या जैसे एक्सपर्ट्स के एक पैनल ने इस पर चर्चा की।

इस प्रीमियर में जावेद अख्तर, आर बाल्की, अनुभव सिन्हा, विक्रमादित्य मोटवाने, हंसल मेहता, सुधीर मिश्रा, रितुपर्णा सेनगुप्ता, दिव्या दत्ता, अक्षय ओबेरॉय, अनूप सोनी, जूही बब्बर और सिद्धार्थ रॉय कपूर जैसे सेलिब्रिटी भी शामिल हुए।

इनके अलावा एनएफडीसे के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रकाश मगदम और अल्ट्रा मीडिया के सुशील अग्रवाल और रजत अग्रवाल भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

चर्चा के दौरान सभी पैनेलिस्ट ने दत्त साहब के भारतीय सिनेमा पर पड़ने वाले प्रभाव पर प्रकाश डाला। गुरु दत्त की फिल्मों को इस वीकेंड पीवीआर आईनॉक्स और सिनेपोलिस सिनेमाज में दिखाया जाएगा। इनमें 'प्यासा', 'कागज के फूल', 'साहिब बीबी और गुलाम', 'आर पार', 'चौदहवीं का चांद' , 'मिस्टर और मिसेज 55' और 'बाज' जैसी फिल्मों को बड़े पर्दे पर देखने मौका सिने प्रेमियों को मिलेगा।

इस इवेंट के बारे में बात करते हुए जावेद अख्तर ने कहा, "ग्रेजुएशन के बाद, मैंने सोचा कि मैं फिल्म इंडस्ट्री में जाऊंगा और कुछ साल गुरु दत्त के साथ काम करूंगा, और फिर निर्देशक बनूंगा। जब आप 18 साल के होते हैं, तो चीजें सरल और आसान हो जाती हैं, इसलिए मैंने यही तय किया था। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मैं 1964 में 4 अक्टूबर को बॉम्बे आया, और 10 अक्टूबर को उनका निधन हो गया, इसलिए मैं उन्हें कभी नहीं देख सका।"

गीतकार ने आगे कहा, "मैंने सचमुच सोचा था कि जब मैं (मुंबई) जाऊंगा तो किसी तरह गुरु दत्त के साथ काम करने का प्रबंध कर लूंगा क्योंकि कवि-गीतकार साहिर लुधियानवी साहब गुरु दत्त के अच्छे दोस्त थे। उन्होंने 'प्यासा' के लिए गीत लिखे थे, मुझे लगा कि यह कनेक्शन काम करेगा। मैंने सोचा था कि मैं कुछ समय के लिए उनको असिस्ट करूंगा, लेकिन ऐसा हो न सका।,"

–आईएएनएस

जेपी/डीएससी