CBSE 12वीं सोशियोलॉजी परीक्षा: पिछले साल के प्रश्नपत्र से तैयारी करें

सीबीएसई की 12वीं बोर्ड परीक्षा में समाजशास्त्र का विषय महत्वपूर्ण है। इस लेख में पिछले साल के प्रश्नपत्रों के माध्यम से तैयारी के टिप्स दिए गए हैं। जानें कि कैसे आप इन प्रश्नपत्रों का उपयोग करके परीक्षा के पैटर्न को समझ सकते हैं और महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। यह जानकारी आपकी परीक्षा में आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करेगी।
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CBSE 12वीं सोशियोलॉजी परीक्षा: पिछले साल के प्रश्नपत्र से तैयारी करें

12वीं सोशियोलॉजी प्रश्न पत्र 2025

CBSE 12वीं सोशियोलॉजी परीक्षा: पिछले साल के प्रश्नपत्र से तैयारी करें

12वीं सोशियोलॉजी प्रश्न पत्र 2025


सीबीएसई की 12वीं बोर्ड परीक्षा का आयोजन जल्द ही होने वाला है, जो छात्रों के भविष्य और आगे की पढ़ाई के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि आप समाजशास्त्र (SOCIOLOGY) में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते हैं, तो पिछले साल के प्रश्नपत्रों का अध्ययन करना लाभकारी हो सकता है। इससे न केवल परीक्षा के प्रारूप को समझने में मदद मिलेगी, बल्कि महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर भी मिलेगा। इस प्रकार की तैयारी से आपकी आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और परीक्षा में सफलता की संभावना बढ़ेगी।


पिछले साल के प्रश्नपत्र से उदाहरण


1- सामाजिक आंदोलनों का अध्ययन समाजशास्त्र के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है ?


  • सामाजिक आंदोलनों का विरोध कुलीन वर्ग द्वारा समाज की स्थापित व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती के रूप में देखा जाता था।
  • सामाजिक आंदोलनों को अव्यवस्था फैलाने वाली शक्तियों के रूप में नहीं देखा जाता था।
  • सामाजिक आंदोलनों में भाग लेने वालों की सही और गलत की अपनी साझा समझ नहीं होती।
  • सामाजिक आंदोलनों में भाग लेने वाले प्रायः सार्वजनिक रूप से विरोध नहीं करते थे।


2- नगरीकरण की प्रक्रिया के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है ?


  • ये महानगर ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे कस्बों के प्रवासियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
  • भारत में अपेक्षाकृत बड़े शहरों की जनसंख्या इतनी तेजी से नहीं बढ़ रही है।
  • नगरीय आधारभूत सुविधाएँ उतनी तेजी से शायद ही बढ़ सकें।
  • इन शहरों पर जनसंचार के माध्यमों का ध्यान प्रमुख रूप से अधिक केंद्रित रहने से भारत का सार्वजनिक चेहरा, ग्रामीण की बजाय अधिक नगरीय होता जा रहा है।


3- निम्नलिखित में से कौन-सा कथन पश्चिमीकरण के लिए सत्य है ?


  • यह भारतीय समाज और संस्कृति में लगभग 150 सालों के ब्रिटिश शासन के परिणामस्वरूप आए परिवर्तन हैं।
  • पश्चिमीकरण में किसी संस्कृति-विशेष के बाह्य तत्त्वों के अनुकरण की प्रवृत्ति नहीं होती है।
  • भारतीय कला और साहित्य पर पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव नहीं पड़ा।
  • पश्चिमीकरण में भारतीय बुद्धिजीवियों की उप-संस्कृति शामिल नहीं थी।


4- निम्नलिखित कथनों को सही क्रम में लिखिए.


  • कामगारों को मशीनी गति से काम करना होता है।
  • अधिक मशीनों वाले उद्योगों में, कम लोगों को काम दिया जाता है।
  • दो चाय की छुट्टियां 7-5 मिनट प्रत्येक और आधा घंटा खाने की छुट्टी।
  • पूरे दिन में कामगारों को केवल 45 मिनट का विश्राम मिलता है।


विकल्प :


  • (II), (I), (IV), (III)
  • (I), (II), (III), (IV)
  • (IV), (I), (III), (II)
  • (I), (IV), (III), (II)


5- जनजातीय पहचान से संबंधित निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है ?


  • जनजातीय पहचान को सुरक्षित रखने का आग्रह दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है।
  • जनजातीय समाज के भीतर भी एक मध्य वर्ग का प्रादुर्भाव हो चला है।
  • नृजातीय-सांस्कृतिक पहचान के मामले से संबंधित मुद्दे कम महत्त्वपूर्ण हो गए हैं।
  • भूमि तथा विशेष रूप से वनों जैसे अंत्यंत महत्त्वपूर्ण आर्थिक संसाधनों पर नियंत्रण से संबंधित मुद्दे दिनोंदिन बढ़ते जा रहे हैं।


CBSE 12th सोशियोलॉजी सब्जेक्ट के एग्जाम का पैटर्न


सीबीएसई 12वीं समाजशास्त्र परीक्षा का प्रश्नपत्र कुल 80 अंकों का होता है और इसमें 35 प्रश्न शामिल होते हैं। प्रश्नपत्र को चार भागों — क, ख, ग और घ— में बांटा गया है। छात्रों को इसे हल करने के लिए कुल 3 घंटे का समय दिया जाता है।


पूरा प्रश्नपत्र डाउनलोड करें


आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके सीबीएसई कक्षा 12वीं के समाजशास्त्र विषय का पूरा पिछले साल का प्रश्नपत्र डाउनलोड कर सकते हैं। यह आपके अभ्यास और परीक्षा की तैयारी के लिए बहुत मददगार साबित होगा।


Set 4 [CBSE 12वीं सोशियोलॉजी प्रश्नपत्र डाउनलोड करें]