एएमएमए में श्वेता मेनन और कुक्कू परमेश्वरन का जलवा, पहली बार मिली नेतृत्व की बागडोर

कोच्चि, 15 अगस्त (आईएएनएस)। मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की अभिनेत्रियां श्वेता मेनन और कुकू परमेश्वरन ने एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (एएमएमए) का चुनाव जीता है। इस चुनाव में श्वेता मेनन ने अध्यक्ष और कुकू परमेश्वरन ने महासचिव के पद पर जीत दर्ज की है।
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एएमएमए में श्वेता मेनन और कुक्कू परमेश्वरन का जलवा, पहली बार मिली नेतृत्व की बागडोर

कोच्चि, 15 अगस्त (आईएएनएस)। मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की अभिनेत्रियां श्वेता मेनन और कुकू परमेश्वरन ने एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (एएमएमए) का चुनाव जीता है। इस चुनाव में श्वेता मेनन ने अध्यक्ष और कुकू परमेश्वरन ने महासचिव के पद पर जीत दर्ज की है।

यह संगठन लगभग 30 साल पुराना है, और पहली बार ऐसा हुआ है कि इसकी दो सबसे बड़ी जिम्मेदारियां अब महिलाएं संभालेंगी। इससे पहले, महिलाएं सिर्फ सहायक पदों (जैसे उपाध्यक्ष, संयुक्त सचिव या समिति की सदस्य) तक ही सीमित थीं।

इस बार हुए चुनाव में मेनन ने बीजेपी नेता और अभिनेता देवन को कड़ी टक्कर में हराया। मेनन को 159 वोट मिले, जबकि देवन को 132 वोट। वहीं, परमेश्वरन ने अपने विरोधी रविंद्रन को ज्यादा वोटों से हराया। अभिनेत्री को 172 वोट मिले, जबकि रविंद्रन को 115 वोट मिले।

नए पदाधिकारियों में जयन चेरथला और लक्ष्मी प्रिया को उपाध्यक्ष बनाया गया है। उन्नी शिवपाल को कोषाध्यक्ष और अंजीबा हसन को बिना किसी विरोध के संयुक्त सचिव चुना गया।

समिति के लिए चुने गए सदस्यों में शारायु, अंजलि नायर, आशा अरविंद, सजीथा, नीना कुरुप, जॉय मैथ्यू, कैलास, नंदू, डॉ. रॉनी, सिजॉय, विनु, टाइनी टॉम और संतोष शामिल हैं।

हैरानी की बात यह है कि हार के बावजूद देवन ने नए चुने गए सदस्यों को शपथ दिलाई।

इसी के साथ ही जीत के बाद श्वेता मेनन ने धन्यवाद देते हुए अपनी योजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा, "अब चुनाव खत्म हो चुका है, अब हम सभी मिलकर 'एएमएमए' सदस्य एक साथ काम करेंगे। जरूरत पड़ी तो मैं खुद उन सदस्यों से मिलूंगी जो दूरी बनाए हुए हैं। जल्द ही हमारी पहली बैठक होगी, जिसमें सभी लंबित मुद्दों पर चर्चा होगी।"

बता दें, (एएमएमए) संगठन के 500 से ज्यादा सदस्यों में से 298 लोगों ने वोटिंग में हिस्सा लिया। चुनाव से पहले भी काफी हलचल देखने को मिली। दिग्गज अभिनेता जगदीश ने पहले अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरा था, लेकिन श्वेता की रुचि जानकर उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया। इसके बाद देवन ने भी मैदान में उतरकर कहा था कि संगठन के हित में एक महिला को चुनाव लड़ना चाहिए।

--आईएएनएस

एनएस/जीकेटी