सफेद दाग: कारण, उपचार और घरेलू उपाय
सफेद दाग क्या है?
सफेद दाग, जिसे श्वेत कुष्ठ भी कहा जाता है, एक त्वचा रोग है जिसमें त्वचा का कुछ हिस्सा सफेद हो जाता है। इस बीमारी में दर्द नहीं होता और यह संक्रामक नहीं है। शुरुआत में, शरीर पर काले धब्बे दिखाई देते हैं।
इसके बाद, त्वचा में जलन और खुजली होती है, और धीरे-धीरे सफेद दाग विकसित होने लगते हैं। ये दाग आमतौर पर हाथों, कोहनियों, चेहरे, घुटनों और अन्य दबाव वाले क्षेत्रों में होते हैं। समय के साथ, ये दाग एक-दूसरे से मिलकर पूरे शरीर में फैल सकते हैं।
इन दागों में कोई दर्द नहीं होता, इसलिए प्रारंभ में लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं।
सफेद दाग के कारण
आयुर्वेद के अनुसार, सफेद दाग उन लोगों में अधिक होता है जो असंगत भोजन करते हैं, जैसे दूध के साथ मछली खाना।
इसके अलावा, डकार, छींक, उल्टी, शौच और मूत्र को रोकने से भी यह रोग हो सकता है।
धूप में अधिक समय बिताने, भोजन के बाद व्यायाम करने और खट्टी या गर्म चीजें खाने से भी सफेद दाग हो सकते हैं।
यह रोग वंशानुगत भी हो सकता है, और शरीर में उपदंश या नाड़ी की खराबी के कारण भी सफेद दाग विकसित हो सकते हैं।
सफेद दाग में खानपान और परहेज
सफेद दाग के रोगियों को हमेशा ताजा और शाकाहारी भोजन करना चाहिए।
उन्हें त्रिफला के पानी में भिगोए हुए अंकुरित चने, मूंग, पालक, गाजर, बथुआ और चोकर की रोटी का सेवन करना चाहिए।
खट्टे पदार्थ, तेल, लाल मिर्च और गर्म मसालों का सेवन बंद कर देना चाहिए।
मांस और मीठी चीजों का सेवन भी कम करना चाहिए।
सफेद दाग के लिए घरेलू उपाय
कालीमिर्च: पिसी हुई कालीमिर्च को सिरके में मिलाकर लगाने से सफेद दाग मिट जाते हैं।
लहसुन: लहसुन का रस सफेद दागों पर लगाने से लाभ होता है।
तुलसी: तुलसी के पौधे की जड़ और तने को तेल में पकाकर लगाने से सफेद दाग ठीक होते हैं।
नीम: नीम के तेल का उपयोग भी सफेद दागों के लिए फायदेमंद है।
सप्त तेल का प्रयोग
दादा मदन लाल जी द्वारा सुझाए गए सप्त तेल का प्रयोग सफेद दाग के लिए किया जा सकता है। इसमें बावची, चालमोगरा, लौंग, दालचीनी, तारपीन, श्वेत मिर्च और नीम का तेल शामिल है।
इन तेलों को मिलाकर सुबह-शाम मालिश करने से सफेद दाग ठीक हो सकते हैं।