विकी कौशल की 'छावा' से 100 साल पहले बनी थी संभाजी महाराज पर फिल्म

विकी कौशल की फिल्म 'छावा' ने दर्शकों का ध्यान खींचा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि 100 साल पहले भी छत्रपति संभाजी महाराज पर एक फिल्म बनी थी? इस लेख में जानें उस साइलेंट फिल्म के बारे में, जिसका निर्देशन आदित्य सरपोतदार के परदादा ने किया था। फिल्म की रील का क्या हुआ? आइए, इस दिलचस्प कहानी पर एक नज़र डालते हैं।
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1925 में छत्रपति संभाजी महाराज पर बनी थी फिल्म

विकी कौशल की 'छावा' से 100 साल पहले बनी थी संभाजी महाराज पर फिल्म

1925 में भी बनी थी छत्रपति संभाजी महाराज पर फिल्म

विकी कौशल की फिल्म ‘छावा’ ने रिलीज से पहले ही दर्शकों के बीच काफी चर्चा बटोरी थी। अब जब यह सिनेमाघरों में आई है, तो इसे दर्शकों से जबरदस्त प्यार मिल रहा है। यह फिल्म 14 फरवरी, 2025 को प्रदर्शित हुई और इसमें छत्रपति संभाजी महाराज की कहानी को दर्शाया गया है। इस फिल्म के निर्देशक आदित्य सरपोतदार ने एक दिलचस्प जानकारी साझा की है कि संभाजी महाराज पर एक फिल्म पहले ही 100 साल पहले बनाई जा चुकी थी।

कम ही लोग जानते हैं कि 1925 में छत्रपति संभाजी महाराज पर एक साइलेंट फिल्म का निर्माण हुआ था, जिसका निर्देशन एनडी सरपोतदार ने किया था। यह जानकारी आदित्य सरपोतदार ने साझा की, जिन्होंने बताया कि उन्हें भी इस बारे में तब पता चला जब ‘छावा’ रिलीज हुई। उनके चचेरे भाई ने उन्हें बताया कि 1925 में भी एक फिल्म बनी थी। यह जानकर आदित्य को गर्व महसूस हुआ कि उनके परिवार का इस 100 साल पुरानी फिल्म से गहरा संबंध है।

1925 में बनी फिल्म का महत्व

आदित्य ने बताया कि 1925 में बनी इस फिल्म का निर्देशन उनके परदादा ने किया था। इस फिल्म में पार्श्वनाथ यशवंत अल्तेकर ने संभाजी महाराज का किरदार निभाया था। यह फिल्म ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्योंकि पार्श्वनाथ ने पहली बार किसी मराठा शासक का किरदार निभाया था। आदित्य ने कहा कि उनके परिवार की चार पीढ़ियाँ फिल्म उद्योग से जुड़ी हुई हैं। यह साइलेंट फिल्म 28 नवंबर, 1925 को मुंबई के गिरगांव में मैजेस्टिक सिनेमा में प्रदर्शित हुई थी।

फिल्म की रील का नुकसान

हालांकि, इस फिल्म की रील या कोई भी निगेटिव अब उपलब्ध नहीं है। फिल्म के बारे में अधिक जानकारी भी नहीं है क्योंकि इसकी रील और निगेटिव को नेशनल फिल्म आर्काइव ऑफ इंडिया में रखा गया था, जो 2003 में आग लगने से नष्ट हो गए। आदित्य ने ‘छावा’ के बारे में बात करते हुए कहा कि यह जानकर खुशी होती है कि आज भी फिल्म उद्योग में ऐसी कहानियाँ बनाई जा रही हैं, जो 100 साल पहले लोगों को पसंद थीं।