बबूल की फली: स्वास्थ्य के लिए अद्भुत लाभ

बबूल की फली, जो औषधीय गुणों से भरपूर है, स्वास्थ्य के लिए कई लाभ प्रदान करती है। इस लेख में हम बबूल के पेड़, उसकी फली, फूल और छाल के उपयोगों के बारे में जानेंगे। बबूल का उपयोग घुटनों के दर्द, टूटी हड्डियों, दांत के दर्द, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में किया जाता है। इसके अलावा, बबूल की छाल और पत्तियों के भी कई फायदे हैं। जानें कैसे बबूल आपकी सेहत को बेहतर बना सकता है।
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बबूल के पेड़ और उसके गुण

आज हम बबूल की फली, जिसे हम फल भी कहते हैं, के बारे में चर्चा करेंगे। बबूल का हर हिस्सा, जैसे पत्तियाँ, फूल, छाल और फल, औषधीय गुणों से भरपूर होता है। यह एक कांटेदार वृक्ष है, जो भारत के विभिन्न हिस्सों में पाया जाता है। बबूल के पेड़ बड़े और घने होते हैं, और इनमें कांटे होते हैं।


बबूल के फूल और फल

गर्मी में बबूल पर पीले फूल गुच्छों में खिलते हैं, जबकि सर्दियों में फलियाँ लगती हैं। इसकी लकड़ी बहुत मजबूत होती है और यह पेड़ आमतौर पर पानी के निकट और काली मिट्टी में उगता है। इसके सफेद कांटे 1 से 3 सेंटीमीटर लंबे होते हैं और ये जोड़े में होते हैं। इसके पत्ते आंवले के पत्तों से छोटे और घने होते हैं.


बबूल के औषधीय उपयोग

बबूल की फली: स्वास्थ्य के लिए अद्भुत लाभ


बबूल के तने मोटे होते हैं और इसकी छाल खुरदरी होती है। इसके फूल गोल और पीले होते हैं, जबकि फलियाँ सफेद रंग की होती हैं जो 7-8 इंच लंबी होती हैं। इसके बीज गोल और धूसर रंग के होते हैं।


बबूल का नाम विभिन्न भाषाओं में भिन्न है: संस्कृत में इसे बबूल, हिंदी में बबूर, बंगाली में बबूल गाछ, और तमिल में कारुबेल कहा जाता है। यह कफ, कुष्ठ रोग, पेट के कीड़ों और शरीर में विष का नाश करता है।


बबूल की फली के लाभ

घुटनों का दर्द और अस्थि भंग: बबूल के बीजों को शहद के साथ तीन दिन तक लेने से घुटनों का दर्द और अस्थि भंग में राहत मिलती है।


टूटी हड्डी: बबूल की फलियों का चूर्ण नियमित सेवन से टूटी हड्डी जल्दी जुड़ जाती है।


दांत का दर्द: बबूल की फली के छिलके और नमक का मंजन करने से दांत का दर्द ठीक होता है.


पेशाब की समस्या: कच्ची बबूल की फली का पाउडर पेशाब की अधिकता को नियंत्रित करता है।


शारीरिक शक्ति: बबूल की फलियों को मिश्री के साथ मिलाकर सेवन करने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है।


रक्त बहना: बबूल की फलियों का मिश्रण खून बहने की समस्या को रोकता है।


मर्दाना ताकत: बबूल की कच्ची फलियों का रस मर्दाना ताकत बढ़ाने में सहायक है।


अतिसार: बबूल की फलियों के साथ छाछ का सेवन अतिसार में लाभकारी है।


बबूल की छाल, पत्तियाँ और फूल के लाभ

मुंह के रोग: बबूल की छाल का काढ़ा मुंह के छालों को ठीक करता है।


पीलिया: बबूल के फूलों का चूर्ण पीलिया के इलाज में मदद करता है।


महिलाओं के विकार: बबूल की छाल का काढ़ा मासिक धर्म में अधिक खून आने की समस्या को नियंत्रित करता है।


आंखों से पानी बहना: बबूल के पत्तों का मिश्रण आंखों से पानी बहने की समस्या को खत्म करता है।


गले के रोग: बबूल के पत्तों और छाल का काढ़ा गले के रोगों में राहत देता है।


अम्लपित्त: बबूल के पत्तों का काढ़ा अम्लपित्त को ठीक करता है।