सोने से कमाई के स्मार्ट तरीके: बिना बेचे करें निवेश
सोने का सही उपयोग कैसे करें
गोल्ड का ऐसे करें इस्तेमाल
धनतेरस और दिवाली का उत्सव समाप्त हो चुका है। परंपरा के अनुसार, कई लोगों ने इस अवसर पर सोने की खरीदारी की होगी। कुछ ने नए गहने बनवाए, जबकि अन्य ने सिक्के या बिस्किट में निवेश किया। लेकिन अक्सर यह सोना घर की अलमारी या बैंक के लॉकर में बंद रह जाता है। यह सोना हमारी संपत्ति है, लेकिन क्या यह वास्तव में ‘काम’ कर रहा है?
भारत में सोना केवल एक धातु या आभूषण नहीं है, बल्कि यह एक भावनात्मक निवेश और आर्थिक सुरक्षा का प्रतीक है। लेकिन यदि यह सिर्फ लॉकर में बंद है, तो यह एक ‘डेड एसेट’ (मृत संपत्ति) की तरह है, जिसका मूल्य तो बढ़ रहा है, लेकिन यह आपको कोई नियमित आय नहीं दे रहा। अब समय बदल चुका है और इस सोने को सजावट की वस्तु न समझकर, इसे अपनी वित्तीय मजबूती का एक सक्रिय हिस्सा बनाने के तरीके मौजूद हैं। आइए जानते हैं उन स्मार्ट तरीकों के बारे में, जिनसे आप अपना सोना बेचे बिना भी उससे नियमित कमाई कर सकते हैं.
मुनाफा और सुरक्षा दोनों
यदि आप अपना सोना बेचना नहीं चाहते, लेकिन चाहते हैं कि वह आपके लिए कुछ कमाए, तो इसके दो बेहतरीन तरीके हैं.
- गोल्ड लीजिंग (पट्टे पर देना): यह एक नया और दिलचस्प तरीका है। इसे आप सोना ‘किराए’ पर देना समझ सकते हैं। कई डिजिटल प्लेटफॉर्म (जैसे सेफगोल्ड) आपको यह सुविधा देते हैं। इस प्रक्रिया में, आप अपना डिजिटल या भौतिक सोना संगठित ज्वैलर्स को उनके वर्किंग कैपिटल (कामकाजी पूंजी) के तौर पर एक निश्चित अवधि के लिए लीज पर देते हैं। इसके बदले में, ज्वैलर्स आपको सालाना 2% से 5% तक का रिटर्न देते हैं। खास बात यह है कि यह रिटर्न आपको रुपयों में नहीं, बल्कि सोने के ग्राम में मिलता है। यानी, यदि सोने का भाव बढ़ता है, तो आपके रिटर्न का मूल्य भी बढ़ जाता है.
- गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (GMS): यह सरकार द्वारा समर्थित एक योजना है, जो बैंक के लॉकर में पड़े आपके सोने को कमाई का जरिया बनाती है। आप अपने सोने के गहनों, सिक्कों या ईंटों को बैंक में जमा कर सकते हैं। बैंक इस सोने पर आपको सालाना 2.25% से 2.5% तक का ब्याज देता है। यह ब्याज भी आपको सोने के रूप में या नकद में मिल सकता है. हालांकि, मार्च 2025 से इस स्कीम के तहत मीडियम और लॉन्ग टर्म डिपॉजिट के विकल्प बंद हो गए हैं, लेकिन 1 से 3 साल की शॉर्ट टर्म डिपॉजिट स्कीम अभी भी चालू है. यह लॉकर में सोना रखने से कहीं बेहतर है, जहां आपको सुरक्षा के लिए उल्टे पैसे देने पड़ते हैं.
आर्थिक संकट में सोना न बेचें
जीवन में कई बार अचानक पैसों की जरूरत आ पड़ती है, जैसे कोई मेडिकल इमरजेंसी, बच्चों की पढ़ाई या व्यापार में घाटा। ऐसे में पहली सोच यही होती है कि घर में रखा सोना बेच दिया जाए। लेकिन यह एक भावुक और अक्सर घाटे का फैसला होता है, खासकर यदि वह सोना पुश्तैनी हो। इसका एक समझदारी भरा और तेज विकल्प है ‘गोल्ड लोन’.
आप अपने सोने को किसी भी बैंक या एनबीएफसी (NBFC) के पास गिरवी रखकर उसके बदले तुरंत नकद राशि ले सकते हैं। आमतौर पर, संस्थान आपके सोने की मौजूदा बाजार कीमत का 85% तक लोन के रूप में दे देते हैं। (यदि लोन की राशि ₹5 लाख से अधिक है, तो यह सीमा 75% तक हो सकती है).
इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपका सोना बैंक के पास पूरी तरह सुरक्षित रहता है और आपको अपनी जरूरत के लिए पैसा भी मिल जाता है। आप आसान किस्तों (EMI) में लोन चुकाकर अपना सोना वापस पा सकते हैं। यह सोना बेचने और उसे हमेशा के लिए खो देने से कहीं बेहतर निर्णय है.
अगर बेचना है, तो सही समय का ध्यान रखें
यदि आप इन विकल्पों में न पड़कर सीधे सोना बेचना चाहें, तो इसमें कोई हर्ज नहीं है, लेकिन इसमें समझदारी दिखाना जरूरी है। जब आप सोना (खासकर गहने) खरीदते हैं, तो आप उसकी कीमत के ऊपर मेकिंग चार्ज, जीएसटी और प्रीमियम का भुगतान करते हैं, जो 10% से 25% तक हो सकता है.
लेकिन जब आप उसे बेचने जाते हैं, तो आपको यह मेकिंग चार्ज वापस नहीं मिलता। इसलिए, मुनाफा कमाने के लिए यह जरूरी है कि आप सोना तब बेचें, जब सोने का भाव आपके खरीद मूल्य और मेकिंग चार्ज, दोनों की लागत से ऊपर निकल जाए। इसके लिए बाजार की चाल पर नजर रखना बहुत जरूरी है। त्योहारों के तुरंत बाद या जल्दबाजी में सोना बेचना अक्सर फायदे का सौदा नहीं होता.
