सोने की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि की संभावना, निवेशकों के लिए सुनहरा मौका

सोने की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि की संभावना है, जो निवेशकों के लिए एक सुनहरा अवसर प्रस्तुत करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 में सोने की कीमतें 85,000 से 90,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती हैं। मौद्रिक नीति में नरमी और भू-राजनीतिक तनाव के चलते सोने की मांग में वृद्धि हो रही है। 2024 में सोने ने 23 प्रतिशत और चांदी ने 30 प्रतिशत का रिटर्न दिया। जानें कैसे ये कारक सोने के बाजार को प्रभावित कर रहे हैं और भविष्य में क्या संभावनाएं हैं।
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सोने की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि की संभावना, निवेशकों के लिए सुनहरा मौका

सोने की कीमतों में संभावित उछाल

सोने की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि की संभावना, निवेशकों के लिए सुनहरा मौका


नए साल में सोने की कीमतें सुरक्षित निवेश के रूप में रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि कीमतें 85,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकती हैं। यदि भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं बनी रहती हैं, तो यह 90,000 रुपये तक भी पहुंच सकती हैं। मौद्रिक नीति में नरमी और केंद्रीय बैंकों की खरीदारी सोने की कीमतों को बढ़ाने में सहायक हो रही है। वर्तमान में, हाजिर बाजार में सोने की कीमत 79,350 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जबकि वायदा कारोबार में यह 76,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर चल रहा है।


2024 में सोने और चांदी का प्रदर्शन

2024 में सोने ने 23 प्रतिशत का रिटर्न दिया, जबकि चांदी में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 30 अक्टूबर को सोने ने 82,400 रुपये प्रति 10 ग्राम का सर्वकालिक उच्च स्तर छुआ। वैश्विक स्तर पर, कॉमेक्स सोना वायदा ने वर्ष की शुरुआत 2,062 डॉलर प्रति औंस से की और 31 अक्टूबर को 2,790 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया। विशेषज्ञों का मानना है कि भू-राजनीतिक तनाव और केंद्रीय बैंकों की खरीदारी के कारण 2025 में भी सोने की मांग बनी रहेगी।


2025 में सोने की संभावित कीमतें

एलकेपी सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी ने बताया कि 2025 में सोने की कीमतें 85,000 रुपये तक पहुंच सकती हैं, जबकि सर्वोत्तम स्थिति में यह 90,000 रुपये तक भी जा सकती हैं। यदि भू-राजनीतिक तनाव जारी रहता है, तो चांदी की कीमतें भी बढ़ सकती हैं।


ब्याज दरों का प्रभाव

त्रिवेदी के अनुसार, ब्याज दरों में कमी से बाजार में तरलता बढ़ेगी, जिससे सोने की कीमतों को समर्थन मिलेगा। हालांकि, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के सतर्क रुख से कीमतों में वृद्धि की गति धीमी हो सकती है।


भू-राजनीतिक संकट का प्रभाव

अशांत भू-राजनीतिक माहौल ने सोने और चांदी के बाजार को प्रभावित किया है। इन संकटों के कारण कीमतों में 2-3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।


महंगाई का असर

त्यागराजन के अनुसार, बढ़ती महंगाई सोने की मांग को कमजोर कर सकती है। यदि फेड ब्याज दरों में कटौती करता है, तो इससे सोने की कीमतों पर प्रभाव पड़ेगा।


सोने की मांग में वृद्धि

त्योहारों और शादियों के मौसम में सोने की मांग में तेजी आई है। कीमतों में गिरावट ने खरीदारी को बढ़ावा दिया है।


आभूषण उद्योग की वृद्धि

इक्रा लिमिटेड के अनुसार, 2019 से 2024 के बीच आभूषण उद्योग में 11 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर देखी गई है।


सोने की खरीदारी का रिकॉर्ड

भारत ने जनवरी से अक्टूबर 2024 तक 77 टन सोने की खरीद की है।