सोने की कीमतों में नया रिकॉर्ड: MCX पर 1,00,314 रुपये प्रति 10 ग्राम

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने की कीमतें 1,00,314 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई हैं, जो कि एक नया रिकॉर्ड है। इस वृद्धि के पीछे वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और भारतीय रुपये की कमजोरी मुख्य कारण माने जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि तनाव बढ़ता है, तो सोने की कीमतें और भी ऊंची जा सकती हैं। जानें इस स्थिति का निवेशकों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है और भविष्य में सोने की कीमतों की संभावनाएं क्या हैं।
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सोने की कीमतों में नया रिकॉर्ड: MCX पर 1,00,314 रुपये प्रति 10 ग्राम

सोने की कीमतों में ऐतिहासिक वृद्धि

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने की कीमतों ने एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। शुक्रवार को सोने की कीमत 1,00,314 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई, जो कि घरेलू वायदा बाजार में पहली बार एक लाख रुपये के पार पहुंची है। इसके पीछे वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और भारतीय रुपये की कमजोरी मुख्य कारण माने जा रहे हैं.


भू-राजनीतिक तनाव का प्रभाव

विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर आकर्षित किया है। SS वेल्थस्ट्रीट की संस्थापक सुगंधा सचदेवा के अनुसार, ईरानी ठिकानों पर इजरायली हमलों ने सोने की कीमतों में वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यदि तनाव और बढ़ता है, तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत 3,500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है.


रुपये की कमजोरी और सोने की कीमतें

दूसरी ओर, डॉलर इंडेक्स में गिरावट और भारतीय रुपये की कमजोरी ने भी सोने की कीमतों को बढ़ाने में योगदान दिया है। एलकेपी सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी के अनुसार, रुपये की कीमत 60 पैसे गिरकर 86.10 प्रति डॉलर तक पहुंच गई है, जिससे आयातित सोने की लागत बढ़ गई है और घरेलू बाजार में सोने की मांग में तेजी आई है.


सट्टा गतिविधियों का प्रभाव

सोने की इस तेजी का संबंध केवल भू-राजनीतिक कारणों से नहीं है, बल्कि सट्टा गतिविधियों से भी है। जूलियस बेयर के रिसर्च हेड कार्स्टन मेनके का मानना है कि हालिया वृद्धि का मुख्य कारण एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग और सट्टा सौदे हैं, न कि वास्तविक मांग. उन्होंने यह भी कहा कि ऐतिहासिक रूप से सोना हमेशा भू-राजनीतिक संकटों में विश्वसनीय नहीं रहा है.


2025 से अब तक का रिटर्न

2025 की शुरुआत से अब तक सोने ने लगभग 31% का रिटर्न दिया है, जिससे यह इस वर्ष की सबसे अच्छी प्रदर्शन करने वाली परिसंपत्तियों में से एक बन गया है। वेंचुरा सिक्योरिटीज के एनएस रामास्वामी का कहना है कि निकट भविष्य में सोने की कीमतें 1,02,000 रुपये तक पहुंच सकती हैं। वहीं, बैंक ऑफ अमेरिका और गोल्डमैन सैक्स जैसे वैश्विक निवेश संस्थान मानते हैं कि 2026 तक सोना 4,000 डॉलर प्रति औंस के पार जा सकता है.


निवेशकों के लिए सुरक्षित ठिकाना

अस्थिर वैश्विक परिस्थितियों और आर्थिक अनिश्चितता के बीच, सोना एक बार फिर निवेशकों के लिए सुरक्षित ठिकाना बनकर उभरा है। जब तक हालात सामान्य नहीं होते, इसकी कीमतों में मजबूती बनी रह सकती है.