सोने और चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि: जानें इसके पीछे के कारण

अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच, सोने और चांदी की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जा रही है। सोने की कीमतें प्रति औंस 4,185 डॉलर तक पहुंच गई हैं, जबकि चांदी ने भी नया रिकॉर्ड बनाया है। इस लेख में जानें कि कैसे केंद्रीय बैंकों की खरीदारी, डॉलर की कमजोरी और जियोपॉलिटिकल तनाव ने इन कीमती धातुओं की कीमतों को प्रभावित किया है। भारत में सोने की कीमतें भी आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गई हैं।
 | 
सोने और चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि: जानें इसके पीछे के कारण

अमेरिका-चीन तनाव और सोने की कीमतों में उछाल

अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव ने वित्तीय बाजारों में हलचल मचा दी है। इस बीच, फेडरल रिजर्व द्वारा 2025 के अंत तक ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं ने सोने की कीमतों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। वर्तमान में, सोने की कीमत प्रति औंस लगभग 4,185 डॉलर के स्तर पर है, जो एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड है। यह तेजी निवेशकों के बीच उत्साह का कारण बन रही है।


चांदी ने भी बनाया नया रिकॉर्ड

सोने के साथ-साथ चांदी ने भी शानदार प्रदर्शन किया है। हाजिर बाजार में चांदी की कीमत 53.54 डॉलर प्रति औंस को पार कर गई है, जो एक नया रिकॉर्ड है। यह उछाल निवेशकों को चौंका रहा है, क्योंकि दोनों कीमती धातुएं एक साथ तेजी से बढ़ रही हैं।


कीमतों में वृद्धि के कारण

कई देशों ने अपनी विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करने के लिए सोने की खरीदारी में तेजी लाई है। केंद्रीय बैंकों द्वारा की जा रही भारी खरीदारी ने मांग को बढ़ावा दिया है, जिससे कीमतें आसमान छू रही हैं।


डॉलर की कमजोरी का प्रभाव

इस वर्ष डॉलर इंडेक्स में महत्वपूर्ण गिरावट आई है। चूंकि सोना डॉलर में मूल्यांकित होता है, डॉलर की कमजोरी के कारण अन्य देशों की मुद्राओं में सोना सस्ता हो गया है। इसका परिणाम यह हुआ कि मांग में वृद्धि हुई और कीमतें बढ़ गईं।


ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद

यदि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करता है, तो ब्याज न देने वाली संपत्तियों जैसे सोना निवेशकों के लिए और अधिक आकर्षक बन जाएगा। ये उम्मीदें बाजार को और भी गर्म कर रही हैं।


जियोपॉलिटिकल तनाव और सुरक्षित निवेश की प्रवृत्ति

अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध, व्यापार नीतियों में अचानक बदलाव और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं निवेशकों को सुरक्षित निवेश की ओर धकेल रही हैं। ये तनाव कीमतों को समर्थन प्रदान कर रहे हैं।


ETF में भारी निवेश

निवेशक और एसेट मैनेजर्स सोने में भारी निवेश कर रहे हैं। ETF में प्रवाह ने इस रैली को और गति दी है।


भारत में सोने की कीमतें आम आदमी की पहुंच से बाहर

भारत में सोने की कीमतों में तेजी ने आम लोगों के लिए इसे और महंगा बना दिया है। पिछले 10 महीनों में सोने की कीमतों में लगभग 51% की वृद्धि हुई है। अब 10 ग्राम सोने की कीमत ₹1,30,000 से अधिक हो गई है। यहां केंद्रीय बैंक की खरीदारी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।