सरकारी ई-मार्केटप्लेस GeM: छोटे व्यवसायों के लिए नई संभावनाएं

सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) ने छोटे और मझोले व्यवसायों के लिए नए अवसर खोले हैं। 11.25 लाख विक्रेताओं ने 7.44 लाख करोड़ रुपये के सरकारी ऑर्डर प्राप्त किए हैं। महिलाओं द्वारा संचालित व्यवसाय भी तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसमें Womaniya जैसी पहलों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जानें कैसे GeM ने पारदर्शिता और समान अवसर प्रदान कर छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाया है।
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सरकारी ई-मार्केटप्लेस GeM: छोटे व्यवसायों के लिए नई संभावनाएं

सरकारी ई-मार्केटप्लेस का उदय

सरकारी ई-मार्केटप्लेस GeM: छोटे व्यवसायों के लिए नई संभावनाएं

सरकारी ई-मार्केटप्लेस

सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) अब छोटे और मझोले उद्यमों के लिए एक महत्वपूर्ण साधन बन गया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस प्लेटफॉर्म पर 11.25 लाख से अधिक माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइज (MSE) विक्रेताओं ने 7.44 लाख करोड़ रुपये के सरकारी ऑर्डर प्राप्त किए हैं। नवंबर 2025 तक, GeM पर MSEs का योगदान 44.8% है, जो कि सरकार के निर्धारित 25% के लक्ष्य से कहीं अधिक है। यह दर्शाता है कि सरकारी खरीद प्रक्रिया में छोटे व्यवसायों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है।

GeM की स्थापना का उद्देश्य सरकारी खरीद में पारदर्शिता, गति और समान अवसर प्रदान करना था। चाहे वह रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियां हों या टेक स्टार्टअप्स, इस प्लेटफॉर्म ने क्षेत्र, आकार और अनुभव जैसी पारंपरिक बाधाओं को काफी हद तक समाप्त कर दिया है।


महिलाओं का उद्यमिता में योगदान

महिलाओं द्वारा संचालित कारोबार की वृद्धि

महिलाओं द्वारा संचालित व्यवसाय भी इस प्लेटफॉर्म पर तेजी से बढ़ रहे हैं। वर्तमान में GeM पर दो लाख से अधिक महिला उद्यमी सक्रिय हैं, जिन्होंने 78,000 करोड़ रुपये से अधिक के सरकारी ऑर्डर प्राप्त किए हैं। महिलाओं के लिए Womaniya जैसी पहलों ने रजिस्ट्रेशन, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। GeM पर MSE, महिला उद्यमियों और SC/ST विक्रेताओं के लिए विशेष पहचान और प्राथमिकता देने के लिए अलग-अलग फ़िल्टर, EMD में छूट और टर्नओवर से संबंधित नियमों में ढील जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इससे अधिक से अधिक लोग इस प्लेटफॉर्म से जुड़कर सरकारी खरीद में भाग ले पा रहे हैं।


महिला उद्यमियों की सफलता की कहानियाँ

महिला उद्यमियों ने बड़े प्रोजेक्ट्स जीते

नवंबर 2025 में, महिला और SC/ST उद्यमियों ने कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स हासिल किए, जिनमें रिन्यूएबल एनर्जी, सुरक्षा उपकरण और हाई-टेक सेवाएं शामिल थीं। इनकी कुल कीमत सैकड़ों करोड़ रुपये तक पहुंच गई। डिजिटल प्रक्रियाओं और समावेशी नीतियों के संयोजन से GeM, डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों को सशक्त बना रहा है। खास बात यह है कि अब छोटे व्यवसाय भी बड़े सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स प्राप्त कर सकते हैं, चाहे वे किसी भी शहर, कस्बे या गांव से हों।