श्रीधर वेम्बु की चेतावनी: युवा फाइनेंस की ओर बढ़ने से हो सकता है आर्थिक संकट

जोहो कॉरपोरेशन के सह-संस्थापक श्रीधर वेम्बु ने भारतीय-अमेरिकी युवाओं के करियर रुझानों पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि कैसे इंजीनियरिंग और तकनीकी पृष्ठभूमि वाले छात्र उच्च वित्तीय क्षेत्रों की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे नवाचार में कमी आ सकती है। वेम्बु ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्हें हमेशा 'पैसे से पैसा बनाने' का विचार अस्वीकृत रहा। उन्होंने चेतावनी दी कि वित्तीय-आधारित अर्थव्यवस्था समाज के लिए अस्थिरता ला सकती है। जानें इस मुद्दे पर उनका क्या कहना है।
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युवाओं के करियर ट्रेंड पर चिंता

नई दिल्ली। जोहो कॉरपोरेशन के सह-संस्थापक श्रीधर वेम्बु ने भारतीय-अमेरिकी युवाओं के करियर के रुझानों को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग और तकनीकी पृष्ठभूमि वाले प्रतिभाशाली छात्र अब उच्च वित्तीय क्षेत्रों की ओर आकर्षित हो रहे हैं, जिससे नवाचार-आधारित क्षेत्रों में प्रतिभा की कमी हो सकती है। वेम्बु ने इस प्रवृत्ति की तुलना अमेरिका में लंबे समय से चल रहे एक पैटर्न से की, जहां युवा प्रतिभाएं नवाचार के बजाय वॉल स्ट्रीट को प्राथमिकता देती हैं.


वेम्बु का व्यक्तिगत अनुभव

उन्होंने 1994 में प्रिंसटन विश्वविद्यालय से पीएचडी पूरी करने के बाद का एक अनुभव साझा किया। उस समय, एक पूर्व सिलिकॉन वैली इंजीनियर ने उन्हें वॉल स्ट्रीट की क्वांटिटेटिव एनालिसिस और ट्रेडिंग टीम में शामिल होने के लिए प्रेरित किया था। हालांकि, उन्होंने उच्च वेतन वाले वित्तीय क्षेत्र के बजाय कम वेतन वाली इंजीनियरिंग नौकरी को चुना और क्वालकॉम में इंजीनियर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। वेम्बु ने कहा कि उन्हें 'पैसे से पैसा बनाने' का विचार कभी भी आकर्षक नहीं लगा।


फाइनेंस की ओर प्रतिभाओं का रुख

वेम्बु का मानना है कि इंजीनियरिंग से वित्त की ओर प्रतिभाओं का रुख एक गंभीर समस्या है। उन्होंने हाल के वर्षों में शिक्षित और कुशल भारतीयों के बड़े पैमाने पर वित्तीय क्षेत्र की ओर बढ़ने को देखा है, जो भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है। उनका कहना है कि प्रतिभाशाली युवाओं को कठिन इंजीनियरिंग और तकनीकी समस्याओं, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य देखभाल और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों की चुनौतियों को हल करने में अपनी ऊर्जा लगानी चाहिए।


फाइनेंस-ड्रिवन अर्थव्यवस्था का खतरा

वेम्बु ने चेतावनी दी कि वित्तीय-आधारित अर्थव्यवस्था समाज के लिए अस्थिरता पैदा कर सकती है। उन्होंने कहा, 'पैसे से पैसा बनाना आसान लग सकता है, लेकिन जब अर्थव्यवस्था पूरी तरह से वित्त पर निर्भर हो जाती है, तो यह समाज को नुकसान पहुंचा सकती है।' उन्होंने इसे प्राचीन ज्ञान के रूप में बताया और कहा कि हमें इस चेतावनी को गंभीरता से लेना चाहिए और अपने संसाधनों को वास्तविक समस्याओं के समाधान की दिशा में लगाना चाहिए.