शिपिंग कंपनियों के शेयरों में उछाल, सरकार के फैसले से निवेशकों में उम्मीद

शिपिंग स्टॉक्स में आई तेजी

सोमवार, 22 सितंबर को बाजार खुलते ही सेंसेक्स में 475 अंकों की गिरावट आई, जिससे निवेशकों को 1.50 लाख करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ। हालांकि, इस गिरावट के बावजूद शिपिंग और जहाज निर्माण कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखी गई, कुछ शेयरों में 8% तक की वृद्धि हुई। इसका मुख्य कारण था कि सरकार ने बड़े जहाजों को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिया है और भारतीय नौसेना द्वारा ₹80,000 करोड़ का नया टेंडर आने वाला है। इन दोनों घटनाओं ने निवेशकों में नई उम्मीद जगाई।
बड़े जहाजों को मिला इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा
सरकार ने बड़े जहाजों को 'इंफ्रास्ट्रक्चर' का दर्जा देकर जहाज निर्माण कंपनियों को बैंकों और निवेशकों से आसानी से धन उधार लेने की अनुमति दी है। जैसे सड़क और पुलों को विशेष दर्जा मिलता है, अब जहाज भी इसी श्रेणी में शामिल होंगे। इससे कंपनियों का काम आसान होगा और देश में जहाज निर्माण उद्योग को मजबूती मिलेगी। सरकार का लक्ष्य है कि 2047 तक भारत दुनिया के शीर्ष 5 जहाज निर्माण देशों में शामिल हो।
भारतीय नौसेना का नया टेंडर
भारतीय नौसेना द्वारा लाए जाने वाले ₹80,000 करोड़ के टेंडर ने भी बाजार में उत्साह बढ़ाया है। रिपोर्ट के अनुसार, नौसेना चार बड़े 'लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक्स' खरीदने की योजना बना रही है। इस खबर के चलते सोमवार को कोचीन शिपयार्ड के शेयर 2.39% ऊपर थे, जबकि मझगांव डॉक 1.25% और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स (GRSE) के शेयर 4.77% की वृद्धि में थे। शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के शेयर 5.18% तक चढ़ गए।
GRSE के महत्वपूर्ण समझौते
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स (GRSE) के शेयरों में भी तेजी आई है। दोपहर 12 बजे तक इसके शेयर 2,713.50 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे, जो 4% से अधिक की बढ़त दर्शाता है। यह उछाल GRSE द्वारा हाल ही में किए गए कई महत्वपूर्ण समझौतों के कारण आया है। ये समझौते गुजरात के भावनगर में हुए, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'समुद्र से समृद्धि' मिशन की शुरुआत की।
शिपिंग कॉरपोरेशन का नया सहयोग
शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने देश की प्रमुख तेल कंपनियों (BPCL, HPCL और IOCL) के साथ साझेदारी की है। इन कंपनियों का लक्ष्य नए जहाज खरीदना, उन्हें चलाना और उनका रख-रखाव करना है। ये जहाज तेल, गैस और पेट्रोकेमिकल्स के आयात-निर्यात के साथ-साथ तटीय क्षेत्रों में माल ढुलाई के लिए उपयोग किए जाएंगे। यह पहल देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और शिपिंग क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
निवेशकों के लिए सलाह
इन कंपनियों के शेयरों में तेजी को देखते हुए, निवेशकों के लिए यह सवाल उठता है कि क्या उन्हें अभी निवेश करना चाहिए। इक्विनॉमिक्स रिसर्च के चोक्कलिंगम का कहना है कि वर्तमान में इन कंपनियों के शेयर महंगे हो चुके हैं, इसलिए नई खरीदारी से बचना चाहिए। हालांकि, यदि इनमें थोड़ी गिरावट आती है, तो उस समय निवेश किया जा सकता है। वहीं, वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज के क्रांति बाथिनी का मानना है कि ये कंपनियां चक्रीय व्यवसाय से जुड़ी हैं, इसलिए लंबी अवधि के लिए निवेश करने वाले निवेशक इन शेयरों पर विचार कर सकते हैं।