वर्मीकम्पोस्ट व्यवसाय: कम निवेश में अधिक लाभ कमाने का सुनहरा अवसर

वर्मीकम्पोस्ट व्यवसाय एक आकर्षक अवसर है, जिसमें आप केवल ₹50,000 के निवेश से शुरू कर सकते हैं और सालाना ₹10 लाख तक की कमाई कर सकते हैं। यह व्यवसाय महंगी मशीनरी की आवश्यकता के बिना प्राकृतिक प्रक्रिया पर आधारित है। जानें कैसे आप इस व्यवसाय को स्थापित कर सकते हैं और लाभ कमा सकते हैं।
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वर्मीकम्पोस्ट व्यवसाय: कम निवेश में अधिक लाभ कमाने का सुनहरा अवसर

वर्मीकम्पोस्ट व्यवसाय

वर्मीकम्पोस्ट व्यवसाय: कम निवेश में अधिक लाभ कमाने का सुनहरा अवसर


वर्मीकम्पोस्ट व्यवसाय




व्यापार का विचार: वर्तमान में, जहां शिक्षित युवाओं के लिए रोजगार की कमी बढ़ रही है, वहीं कृषि क्षेत्र में नए स्टार्टअप्स ने कमाई के अद्भुत अवसर प्रदान किए हैं। रासायनिक खादों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग ने हमारी कृषि भूमि को बंजर बना दिया है और हमारे भोजन को विषैला कर दिया है। इसी कारण, पूरी दुनिया तेजी से 'ऑर्गेनिक फार्मिंग' की ओर लौट रही है। इस बदलाव ने वर्मीकम्पोस्ट, यानी केंचुआ खाद के व्यवसाय को एक लाभकारी अवसर में बदल दिया है।


महंगी मशीनों की आवश्यकता नहीं, प्रकृति करेगी मदद


अधिकतर लोग व्यवसाय शुरू करने से पहले महंगी मशीनरी और बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के खर्च से चिंतित होते हैं। लेकिन वर्मीकम्पोस्ट यूनिट की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसे स्थापित करने के लिए महंगी मशीनों की आवश्यकता नहीं होती। यह पूरी तरह से एक प्राकृतिक प्रक्रिया है।


इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए आपको केवल थोड़ी सी खुली जगह की आवश्यकता होगी। स्थान का चयन करते समय यह सुनिश्चित करें कि वहां बारिश का पानी न जमा हो। मुख्य सामग्री के रूप में आपको जानवरों का गोबर, केंचुए, प्लास्टिक की शीट और गोबर को ढकने के लिए धान की पराली या घास की आवश्यकता होगी। एक बार सेटअप तैयार हो जाने के बाद, केंचुए खुद ही काम करेंगे, जिससे आपको लगातार मेहनत करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।


कैसे बनती है यह लाभकारी खाद?


वर्मीकम्पोस्ट बनाने की प्रक्रिया सरल है, लेकिन इसमें कुछ सावधानियाँ बरतनी आवश्यक हैं। सबसे पहले, जमीन को समतल करके उस पर अपनी आवश्यकता के अनुसार 2 मीटर चौड़ी प्लास्टिक शीट बिछानी होती है। इसके बाद, उस शीट पर गोबर की एक परत लगाई जाती है और उस पर केंचुए छोड़ दिए जाते हैं। फिर, एक और गोबर की परत डाली जाती है।


यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस ढेर की ऊंचाई डेढ़ फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए। अंत में, इस 'बेड' को पराली या बोरों से ढक दिया जाता है। नमी बनाए रखने के लिए समय-समय पर पानी का छिड़काव करना आवश्यक है। साथ ही, इसे सांप और चूहों से बचाना भी जरूरी है। केंचुए लगभग 60 दिनों में इस गोबर को उच्च गुणवत्ता वाली खाद में बदल देते हैं।


एक बार का निवेश, बार-बार का लाभ


इस व्यवसाय का आर्थिक गणित बेहद आकर्षक है। आप इसे केवल 50 हजार रुपये की छोटी राशि से शुरू कर सकते हैं। इसमें सबसे बड़ा खर्च केंचुओं की खरीद पर होता है, जो बाजार में लगभग 1000 रुपये प्रति किलो मिलते हैं। अच्छी बात यह है कि केंचुए तेजी से अपनी संख्या बढ़ाते हैं। लगभग तीन महीने में इनकी संख्या दोगुनी हो जाती है।


इसका मतलब है कि यदि आपने एक बार केंचुए खरीद लिए, तो व्यवसाय बढ़ाने के लिए आपको दोबारा उन्हें खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इसके अलावा, गोबर और पराली जैसी सामग्रियाँ बहुत सस्ती होती हैं, जिससे आपकी चलने वाली लागत कम रहती है।


कमाई की संभावनाएँ


आजकल, स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग ऑर्गेनिक फल-सब्जियों के लिए अधिक कीमत चुकाने को तैयार हैं। इसलिए तैयार खाद को बेचने के लिए आपको अधिक प्रयास नहीं करने पड़ेंगे। आप स्थानीय किसानों, नर्सरी और गार्डन स्टोर्स से संपर्क कर सकते हैं। शहरों में लोग अपने घरों की छतों पर किचन गार्डनिंग कर रहे हैं, वहां भी इसकी छोटी पैकिंग में भारी मांग है। इसके अलावा, आप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी इसे बेच सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आप 20 बेड के साथ इस काम को पेशेवर तरीके से करते हैं, तो महज दो साल में आपका सालाना टर्नओवर 8 से 10 लाख रुपये तक पहुंच सकता है।