रुपये में गिरावट, डॉलर की मजबूती से बाजार पर असर

भारतीय रुपये में गिरावट और डॉलर की मजबूती के चलते शेयर बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। मंगलवार को रुपये ने 88.81 के स्तर पर बंद किया, जो पिछले बंद भाव से 13 पैसे की कमी दर्शाता है। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप ने रुपये को कुछ सहारा दिया। जानें रुपये की वापसी की संभावनाएं और बाजार के हालात के बारे में।
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रुपये की स्थिति

भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट और डॉलर की मजबूती के चलते मंगलवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपये ने 13 पैसे की कमी के साथ 88.81 के स्तर पर बंद किया। विदेशी मुद्रा व्यापारियों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर जोखिम से बचने की प्रवृत्ति और विदेशी पूंजी की निकासी ने निवेशकों की धारणा को कमजोर किया। हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में कमी और भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप की खबरों ने रुपये को कुछ सहारा दिया, जिससे गिरावट सीमित रही।


रुपये का कारोबार

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये ने 88.73 पर शुरुआत की और कारोबार के दौरान 88.82 के निचले स्तर तक गिरा, जबकि उच्चतम स्तर 88.73 रहा। अंततः, यह डॉलर के मुकाबले 88.81 पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव 88.68 से 13 पैसे की गिरावट दर्शाता है। 30 सितंबर को रुपये ने अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 88.80 का सर्वकालिक निचला स्तर छुआ। इस बीच, डॉलर इंडेक्स, जो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाता है, 0.10 प्रतिशत बढ़कर 99.36 पर पहुंच गया।


रुपये की वापसी की संभावना

वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत 2.15 प्रतिशत गिरकर 61.99 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका-भारत व्यापार शुल्क निवेशकों की भावनाओं को प्रभावित कर रहा है। मिराए एसेट शेयरखान के मुद्रा एवं जिंस के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश से रुपये को लाभ हो सकता है। अमेरिका में वित्तीय समस्याओं के कारण कई विभागों का कामकाज ठप होने और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं डॉलर पर दबाव डाल सकती हैं। डॉलर-रुपये का हाजिर भाव 88.50 से 89 के बीच रहने की उम्मीद है।


बाजार का हाल

घरेलू आर्थिक आंकड़ों के अनुसार, भारत की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति सितंबर में घटकर 1.54 प्रतिशत रह गई, जो अगस्त में 2.07 प्रतिशत थी। थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति भी सितंबर में घटकर 0.13 प्रतिशत रही, जबकि अगस्त में यह 0.52 प्रतिशत थी। घरेलू शेयर बाजार में सेंसेक्स 297.07 अंक गिरकर 82,029.98 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 81.85 अंक की कमी के साथ 25,145.50 पर बंद हुआ। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक बिकवाल रहे और उन्होंने मंगलवार को 1,508.53 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिक्री की।


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