रुपए में डॉलर के मुकाबले आई तेजी, जानें इसके पीछे के कारण

हाल ही में डॉलर के मुकाबले रुपए में 10 पैसे की वृद्धि हुई है, जो कि विदेशी निवेशकों की वापसी और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण संभव हुआ है। जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में रुपए में और मजबूती देखने को मिल सकती है। इस लेख में हम जानेंगे कि रुपए में आई इस तेजी के पीछे क्या कारण हैं और विशेषज्ञों की राय क्या है।
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रुपए में डॉलर के मुकाबले आई तेजी, जानें इसके पीछे के कारण

रुपए में आई नई तेजी

रुपए में डॉलर के मुकाबले आई तेजी, जानें इसके पीछे के कारण

काफी समय बाद, डॉलर के मुकाबले रुपए में सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है.

हाल ही में करेंसी बाजार से अच्छी खबर आई है। डॉलर के मुकाबले रुपए में 10 पैसे की वृद्धि हुई है, जो कि पिछले कुछ समय से गिरावट के बाद एक सकारात्मक संकेत है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में रुपए में और मजबूती देखने को मिल सकती है, क्योंकि विदेशी निवेशक फिर से भारत में निवेश करने के लिए उत्सुक हैं.

अक्टूबर में 8 तारीख को हुई गिरावट को छोड़ दें तो, रुपए में लगातार तेजी देखने को मिली है, जिससे निवेशकों को 11 लाख करोड़ रुपए का लाभ हुआ है। डॉलर इंडेक्स में गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों में कमी भी इस वृद्धि का कारण बनी है। इसके अलावा, ब्रिटेन के साथ फ्री ट्रेड डील की खबर भी सकारात्मक है.

अमेरिका से भी भारत के लिए अच्छे संकेत मिल रहे हैं, जैसे कि जेनरिक दवाओं पर टैरिफ में छूट, जो रुपए को मजबूती प्रदान कर रही है। आइए जानते हैं कि डॉलर के मुकाबले रुपए के आंकड़े क्या हैं.


रुपए में वृद्धि के कारण

रुपए में देखने को मिला इजाफा

शुक्रवार को इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए में 10 पैसे की वृद्धि हुई, जो 88.69 (अस्थायी) पर बंद हुआ। घरेलू बाजारों की मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने रुपए को समर्थन दिया। विदेशी मुद्रा व्यापारियों का कहना है कि घरेलू बाजारों में मजबूती और जिंसों की कीमतों में कमी के कारण यह वृद्धि हुई है। हालांकि, मजबूत अमेरिकी डॉलर ने इस वृद्धि पर कुछ अंकुश लगाया। आंकड़ों के अनुसार, रुपए ने 88.80 पर शुरुआत की और 88.50-88.80 के दायरे में कारोबार करते हुए 88.69 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से 10 पैसे अधिक है.

इन वजहों से आई रुपए में तेजी

  1. डॉलर इंडेक्स में 0.21 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो छह करेंसीज के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाता है। पिछले एक महीने में डॉलर इंडेक्स में लगभग दो प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
  2. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है। खाड़ी देशों का कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड ऑयल लगभग दो प्रतिशत की गिरावट के साथ 64 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है.
  3. घरेलू शेयर बाजार में भी रुपए को समर्थन मिला है। इस महीने में 8 तारीख को छोड़कर सभी दिनों में तेजी आई है। शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 328.72 अंक बढ़कर 82,500.82 पर और निफ्टी 103.55 अंक बढ़कर 25,285.35 पर बंद हुआ. इस महीने में शेयर बाजार में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
  4. विदेशी निवेशकों का रुख भारत के प्रति सकारात्मक रहा है। लगातार तीन दिनों से निवेशक शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं। एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने गुरुवार को शेयर बाजार से 1,308.16 करोड़ रुपये की खरीदारी की.
  5. भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से बातचीत की है, जिससे जल्द ही व्यापार पर अच्छी खबर मिल सकती है.
  6. अमेरिकी सेंट्रल बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती के संकेत भी मिल रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, फेड एक बार फिर से 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है, जिससे डॉलर इंडेक्स में गिरावट और रुपए को समर्थन मिल सकता है.


विशेषज्ञों की राय

क्या कहते हैं जानकार?

मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि घरेलू बाजारों में मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण रुपए में सकारात्मक रुख देखने को मिल सकता है। अमेरिकी में वित्तपोषण की समस्या और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना से रुपए को और मजबूती मिल सकती है। हालांकि, मजबूत अमेरिकी डॉलर और आयातकों की डॉलर की मांग बढ़ने से रुपए की तेजी पर रोक लग सकती है। डॉलर-रुपये की हाजिर कीमत 88.40 से 88.85 के बीच रहने की उम्मीद है.