रुपए में उतार-चढ़ाव: डॉलर के मुकाबले बढ़त और गिरावट का विश्लेषण

बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपए में उतार-चढ़ाव देखने को मिला, जहां सुबह गिरावट के बाद अंत में बढ़त के साथ बंद हुआ। अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में 45 वर्षों में सबसे बड़ी गिरावट आई है, जबकि रुपए ने पहले हाफ में स्थिरता बनाए रखी। जानें रुपए की स्थिति, डॉलर की गिरावट और शेयर बाजार की चाल के बारे में।
 | 

रुपए में बुधवार को उतार-चढ़ाव

बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपए में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। सुबह के समय रुपए में 20 पैसे से अधिक की गिरावट आई, लेकिन कारोबारी सत्र के अंत तक रुपए ने न केवल अपनी गिरावट को रिकवर किया, बल्कि बढ़त के साथ बंद हुआ।


डॉलर इंडेक्स में गिरावट

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के कारण डॉलर इंडेक्स में इस साल के पहले छमाही में 45 वर्षों में सबसे बड़ी गिरावट आई है। 2025 के पहले छह महीनों में डॉलर इंडेक्स में लगभग 11 प्रतिशत की कमी आई है। हालांकि, इस दौरान रुपए में भी गिरावट आई, लेकिन यह डॉलर की तुलना में कम थी।


रुपए की स्थिति

बुधवार को रुपए ने छह पैसे की बढ़त के साथ 85.67 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर कारोबार समाप्त किया। विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार, अमेरिका के साथ संभावित व्यापार समझौते के कारण घरेलू मुद्रा को मजबूती मिली। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों के स्थिर रहने से रुपए का लाभ सीमित रहा।


रुपए की रिकवरी

एलकेपी सिक्योरिटीज के अनुसंधान विश्लेषक जतिन त्रिवेदी ने बताया कि डॉलर के मुकाबले रुपए की शुरुआत कमजोर रही, लेकिन व्यापार समझौते पर बातचीत के चलते रुपए ने थोड़ी स्थिरता प्राप्त की।


डॉलर की स्थिति

डॉलर इंडेक्स बुधवार को 97 के स्तर पर स्थिर रहा, लेकिन पहले हाफ में इसकी गिरावट 11 प्रतिशत रही, जो 1980 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है।


रुपए में गिरावट का विश्लेषण

रुपए ने पहले हाफ में लगभग स्थिरता बनाए रखी। 31 दिसंबर को रुपए का स्तर 85.55 था, जबकि 30 जून को यह 85.70 पर था।


शेयर बाजार की स्थिति

स्थानीय शेयर बाजार में भी गिरावट आई, जहां बीएसई का सेंसेक्स 176.43 अंक गिरकर 83,536.08 अंक पर बंद हुआ।