यमुना का जलस्तर बढ़ने से ग्रेटर नोएडा में बाढ़ की स्थिति

ग्रेटर नोएडा में यमुना नदी के जलस्तर में वृद्धि ने गंभीर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न कर दी है, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। सेक्टर 150 और 151 के बीच स्थित फार्महाउस जलमग्न हो गए हैं, और कई परिवारों को अपने घर छोड़कर बांध के पास शरण लेनी पड़ी है। स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और बीमारियों के बढ़ते मामलों के बीच प्रशासन राहत कार्य में जुटा है। जानें इस संकट की पूरी कहानी और प्रशासन की ओर से दी जा रही सहायता के बारे में।
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यमुना का जलस्तर बढ़ने से ग्रेटर नोएडा में बाढ़ की स्थिति

ग्रेटर नोएडा में बाढ़ का संकट

ग्रेटर नोएडा समाचार: यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर ने ग्रेटर नोएडा में तबाही मचा दी है। सेक्टर 150 और 151 के बीच यमुना के किनारे बने 1500 से अधिक फार्महाउस जलमग्न हो गए हैं। खदरी क्षेत्र के दर्जनों गांवों से सैकड़ों परिवार अपने घर छोड़कर बांध के पास शरण ले रहे हैं। प्रशासन द्वारा राहत कार्य जारी है, लेकिन लगातार बढ़ता जलस्तर निवासियों की दिनचर्या को बाधित कर रहा है।


रात बांध पर, दिन राहत शिविरों में

पिछले सप्ताह यमुना के जलस्तर में निरंतर वृद्धि के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई है। जो ग्रामीण अभी भी अपने घरों में रह रहे हैं, वे रातभर जागकर परिवार की सुरक्षित निकासी के लिए सतर्क हैं। कई गांवों, जैसे मोमनाथल में, घर, खेत और सड़कें जलमग्न हो गई हैं। सेक्टर 150 और 151 में बांध के पास यमुना का जलस्तर लगभग 15 फीट तक पहुंच गया है, जिससे फार्महाउस की केवल छतें ही दिखाई दे रही हैं। यह दृश्य एक पूर्ण बाढ़ का प्रतीक है।


मोमनाथल गांव सबसे अधिक प्रभावित

यमुना के किनारे स्थित मोमनाथल गांव बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। 50 से अधिक परिवारों को अपने घर छोड़कर बांध पर तंबुओं में रहना पड़ा है। ये विस्थापित लोग खुले आसमान के नीचे रहकर भोजन और स्वच्छ पेयजल की कमी का सामना कर रहे हैं।


बीमारियों का बढ़ता खतरा

बांध पर रहने वाले लोगों को बुनियादी सुविधाओं की गंभीर कमी का सामना करना पड़ रहा है। गंदे पानी और अस्वच्छ परिस्थितियों के कारण डायरिया, बुखार और त्वचा रोगों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सेक्टर-151 में तैनात चिकित्सा टीम ने शुक्रवार को 150 से अधिक मरीजों की जांच की और उन्हें दवाइयां प्रदान कीं। अधिकांश मरीज सर्दी, खांसी और एलर्जी से पीड़ित हैं।


स्वास्थ्य सेवाओं की सीमित उपलब्धता

स्वास्थ्य विभाग ने दो डॉक्टरों और सात स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की एक टीम तैनात की है। मौके पर दो एंबुलेंस भी मौजूद हैं। गंभीर मरीजों को उच्चतर अस्पतालों में भेजा जा रहा है। हालांकि, प्रभावित लोग दावा कर रहे हैं कि राहत सामग्री और चिकित्सा सुविधाएं अभी भी आवश्यकताओं से कम हैं।


प्रशासन ने सहायता का आश्वासन दिया

एसडीएम सदर आशुतोष गुप्ता ने आश्वासन दिया कि प्रशासन प्रभावित लोगों को सभी संभव सहायता प्रदान करने का प्रयास कर रहा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री, स्वच्छ पानी और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है।