महिलाओं की कृषि में नई पहचान: ड्रोन दीदी पहल का महत्व

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 'ड्रोन दीदी' पहल के माध्यम से महिलाओं की कृषि में भागीदारी को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह पहल महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद कर रही है। समारोह में 583 डिग्रियां वितरित की गईं और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 26 पदक भी दिए गए। राज्यपाल ने छात्रों से अपील की कि वे अपने ज्ञान का उपयोग देश के विकास में करें। इस पहल के महत्व और राज्यपाल के विचारों के बारे में अधिक जानें।
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महिलाओं की कृषि में नई पहचान: ड्रोन दीदी पहल का महत्व

राज्यपाल का संबोधन

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रविवार को कहा कि राज्य की महिलाएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शुरू की गई 'ड्रोन दीदी' पहल के माध्यम से कृषि क्षेत्र में एक नई पहचान बना रही हैं।


राज्यपाल ने सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 18वें दीक्षांत समारोह में यह बात कही। उन्होंने बताया कि इस पहल का उद्देश्य कृषि में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना है, और आज महिलाएं 'ड्रोन दीदी' बनकर इस क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं।


उन्होंने कहा, “महिलाओं की भागीदारी हर क्षेत्र में आवश्यक है। सरकार महिलाओं को स्वस्थ, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।” इस अवसर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 26 पदक और स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी में कुल 583 डिग्रियां प्रदान की गईं।


राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांव के प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिकाओं को पुस्तकें भेंट कीं। उन्होंने डिग्री प्राप्त छात्रों से अपील की, “आप अपने ज्ञान का सही उपयोग देश के हित में करें, इससे इस देश के विकास में कोई बाधा नहीं आएगी।”