भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की मुनाफावसूली से गिरावट

इस वर्ष भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की मुनाफावसूली और रुपये की गिरावट ने गंभीर प्रभाव डाला है। आंकड़ों के अनुसार, भारत की वैश्विक हिस्सेदारी 3.47% तक गिर गई है, जो पिछले 29 महीनों का सबसे निचला स्तर है। जानें कि कैसे ये कारक भारतीय शेयर बाजार को प्रभावित कर रहे हैं और अन्य देशों की हिस्सेदारी में क्या बदलाव आया है।
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शेयर बाजार पर विदेशी निवेशकों का प्रभाव

इस वर्ष विदेशी निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली और रुपये की गिरावट ने भारतीय शेयर बाजार को गंभीर नुकसान पहुँचाया है। ये दोनों कारक भारतीय शेयर बाजार के लिए सबसे बड़े खतरे बन गए हैं। इसके परिणामस्वरूप, भारत की वैश्विक शेयर बाजार में हिस्सेदारी 29 महीनों के निचले स्तर पर पहुँच गई है। यह ध्यान देने योग्य है कि लगभग डेढ़ साल पहले भारत की वैश्विक हिस्सेदारी अपने उच्चतम स्तर पर थी, लेकिन अब इसमें लगभग 1.25% की कमी आई है।


ग्लोबल शेयर बाजार में भारत की स्थिति

आंकड़ों के अनुसार, भारत की हिस्सेदारी अब 3.47% रह गई है, जो जुलाई 2023 के बाद का सबसे कम स्तर है। पिछले साल जुलाई में यह 4.64% पर थी। दिसंबर 2024 के अंत में, भारत की हिस्सेदारी 4.18% थी, जबकि सितंबर 2024 में यह 4.5% थी।


मार्केट कैप में बदलाव

17 दिसंबर तक, बीएसई में सूचीबद्ध सभी कंपनियों का संयुक्त मार्केट कैप लगभग 5.19 ट्रिलियन डॉलर था, जो दिसंबर 2024 के अंत में 5.18 ट्रिलियन डॉलर से थोड़ा अधिक है। हालांकि, यह सितंबर 2024 में दर्ज किए गए उच्चतम स्तर 5.66 ट्रिलियन डॉलर से लगभग 9% कम है.


कम हिस्सेदारी के कारण

विदेशी निवेशकों ने 2025 में अब तक शेयर बाजार से 2.56 लाख करोड़ रुपये से अधिक निकाल लिए हैं। इसके पीछे कारण हैं उच्च मूल्यांकन, कम आय, कमजोर रुपया और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियाँ। रुपये में गिरावट के कारण शेयर बाजार का माहौल नकारात्मक हो गया है। ट्रेड डील में प्रगति न होने के कारण रुपये ने 91 के स्तर को पार कर लिया है, और 92 के स्तर तक पहुँचने की संभावना है।


अमेरिकी बाजार की स्थिति

इसके विपरीत, वैश्विक इक्विटी मार्केट कैप में वृद्धि हो रही है। दिसंबर 2024 के अंत में यह 123.61 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 147.58 ट्रिलियन डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया है। 2025 में अमेरिका की हिस्सेदारी घटकर 48% रह गई है, जबकि चीन की हिस्सेदारी 8.1% से बढ़कर 8.8% हो गई है।


अन्य देशों की हिस्सेदारी में वृद्धि

दूसरे देशों के शेयर बाजारों की हिस्सेदारी में भी वृद्धि देखी गई है। हांगकांग की हिस्सेदारी 4.51% से बढ़कर 4.85% हो गई है, जबकि कनाडा और ब्रिटेन की हिस्सेदारी भी बढ़ी है।


शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव

गुरुवार को शेयर बाजार में शुरुआती गिरावट के बाद तेजी देखने को मिली। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 170 अंकों की वृद्धि के साथ 84,722.78 पर कारोबार कर रहा है। वहीं, निफ्टी भी 68 अंकों की वृद्धि के साथ 25,886.95 पर है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।