भारत में मोटापे के इलाज के लिए नई दवा मौनजारो का लॉन्च

एलि लिली ने भारत में मोटापे और डायबिटीज के बढ़ते मामलों को देखते हुए नई दवा मौनजारो लॉन्च की है। यह दवा इंजेक्शन के रूप में उपलब्ध है और इसकी कीमतें भी अमेरिका की तुलना में काफी कम हैं। मौनजारो शरीर में महत्वपूर्ण हार्मोनों को सक्रिय कर वजन कम करने में मदद करती है। भारत में मोटापे के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, और यह दवा इस समस्या के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। जानें इस दवा के कार्यप्रणाली, कीमत और विशेषज्ञों की राय के बारे में।
 | 
भारत में मोटापे के इलाज के लिए नई दवा मौनजारो का लॉन्च

नई दवा का परिचय

मोटापा कम करने के लिए नई दवा हुई लॉन्च


अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी एलि लिली ने भारत में डायबिटीज और मोटापे की बढ़ती समस्या को ध्यान में रखते हुए एक नई दवा पेश की है, जिसका नाम मौनजारो है। यह दवा इंजेक्शन के रूप में उपलब्ध है। इसकी 2.5 मिलीग्राम वायल की कीमत 3,500 रुपये और 5 मिलीग्राम वायल की कीमत 4,375 रुपये है। हर महीने इस दवा के लिए खर्च 14,000 से 17,500 रुपये तक हो सकता है। यदि कोई व्यक्ति एक महीने का डोज लेता है, तो उसे 14,000 से 18,000 रुपये के बीच खर्च करना होगा।


अमेरिका में इस दवा की कीमत 86,000 से 1 लाख रुपये के बीच है, जबकि भारत में इसे काफी कम कीमत पर उपलब्ध कराया गया है। कंपनी का कहना है कि भारत में मोटापे की समस्या को कम करने के लिए यह दवा सस्ती दर पर उपलब्ध कराई जा रही है।


दवा का कार्यप्रणाली

यह दवा शरीर में दो महत्वपूर्ण हार्मोन GIP (ग्लूकोज-डिपेंडेंट इंसुलिनोट्रोपिक पेप्टाइड) और GLP-1 (ग्लूकागन लाइक पेप्टाइड-1) को सक्रिय करती है। ये हार्मोन शुगर लेवल को नियंत्रित करने और वजन घटाने में मदद करते हैं। यह दवा विशेष रूप से टाइप-2 डायबिटीज और मोटापे के इलाज के लिए उपयोग की जाती है। क्लीनिकल ट्रायल में यह पाया गया कि 15 मिलीग्राम की खुराक लेने वाले मरीजों ने औसतन 21.8 किलोग्राम वजन कम किया, जबकि 5 मिलीग्राम की खुराक लेने वालों ने 15.4 किलोग्राम वजन घटाया।


भारत में मोटापे और डायबिटीज की स्थिति

भारत में मोटापे के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां 10 करोड़ से अधिक लोग मोटापे से ग्रस्त हैं। इसके अलावा, मोटापे के कारण 10 करोड़ लोग डायबिटीज से प्रभावित हैं, जिनमें से लगभग आधे को उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। मोटापे के कारण न केवल डायबिटीज, बल्कि हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, नींद से जुड़ी समस्याएं और अन्य बीमारियां भी बढ़ रही हैं।


एलि लिली इंडिया के प्रमुख विन्सेलो टकर ने कहा कि कंपनी भारत में सरकार और स्वास्थ्य संगठनों के साथ मिलकर इस बीमारी के रोकथाम और इलाज में सुधार लाने के लिए काम करेगी।


भारत में एंटी-ओबेसिटी दवाओं की मांग

हाल के वर्षों में भारत में मोटापा कम करने वाली दवाओं की मांग में तेजी आई है। 2020 में मोटापे को कम करने के लिए कई दवाएं बाजार में आई थीं, जिनकी मार्केट वैल्यू 137 करोड़ रुपये थी, जो 2024 में बढ़कर 535 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। 2022 में नोवो नॉर्डिस्क कंपनी ने सेमाग्लूटाइड (Rybelsus) नामक टैबलेट लॉन्च की थी, जिसकी बिक्री में काफी वृद्धि हुई थी।


भारतीय कंपनियों की तैयारी

कई भारतीय दवा कंपनियां भी मोटापा कम करने वाली दवाएं लॉन्च करने की योजना बना रही हैं। मैनकाइंड, एलकेम लैब, और डॉ रेड्डी जैसी कंपनियां 2025 में सेमाग्लूटाइड के जेनरिक वर्जन को पेश करने की तैयारी में हैं, जिससे दवा की कीमत और भी कम हो सकती है।


विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में मोटापा और डायबिटीज से निपटने के लिए मौनजारो एक महत्वपूर्ण विकल्प हो सकता है। इस दवा से मरीजों का वजन कम होने के साथ-साथ ब्लड शुगर लेवल भी नियंत्रित रहेगा, जिससे इन बीमारियों से संबंधित अन्य जटिलताओं को रोकने में मदद मिलेगी।