भारत में पाम तेल का बढ़ता प्रभाव और स्वास्थ्य पर इसके दुष्प्रभाव

भारत में पाम तेल की बिक्री में तेजी आई है, जिससे स्थानीय किसानों को नुकसान हो रहा है। पाम तेल की कम कीमत और स्वास्थ्य पर इसके दुष्प्रभावों के बारे में जानें। क्या रिफाइंड तेल वास्तव में सुरक्षित है? इस लेख में हम पाम तेल के प्रभाव और इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों पर चर्चा करेंगे।
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भारत में पाम तेल का बढ़ता प्रभाव और स्वास्थ्य पर इसके दुष्प्रभाव

पाम तेल का बढ़ता बाजार


भारत के तेल बाजार में विदेशी तेलों की बिक्री में तेजी आई है। मलेशिया से आने वाला पामोलिन तेल, जो लाखों टन की मात्रा में भारत में उपलब्ध है, अब सबसे अधिक बिकने वाला तेल बन गया है। इस तेल की कीमत भारत में 20-22 रुपये प्रति लीटर है, जबकि भारतीय किसानों द्वारा उत्पादित सरसों का तेल 40 रुपये प्रति लीटर (अब 85 रुपये) बिकता है।


किसान सरसों, नारियल और तिल के तेल का उत्पादन करते हैं, लेकिन पाम तेल की कम कीमत के कारण उद्योगपति बड़ी मात्रा में इसे आयात कर रहे हैं और इसे अन्य तेलों में मिलाकर बेच रहे हैं। बाजार में उपलब्ध अधिकांश पैकaged तेल पाम तेल से बने होते हैं।


कानूनी बदलाव और स्वास्थ्य पर प्रभाव

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि 4-5 साल पहले भारत में पाम तेल को अन्य तेलों में मिलाकर बेचने पर प्रतिबंध था। लेकिन GATT और WTO के दबाव में अब यह कानून बदल गया है। रिफाइंड और डबल रिफाइंड तेल के नाम से जो भी तेल बिक रहा है, वह मुख्यतः पाम तेल है।


पाम तेल के दुष्प्रभाव


1. किसानों को नुकसान: सरसों, नारियल और तिल के उत्पादक किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है।


2. स्वास्थ्य समस्याएं: पाम तेल में ट्रांस फैट्स की उच्च मात्रा होती है, जो हृदय रोग, ब्रेन हेमरेज और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है।


रिफाइंड तेल के खतरे

क्या आपने कभी सोचा है कि जिस रिफाइंड तेल से आप अपने बच्चों की मालिश नहीं कर सकते, उसे आप कैसे खा लेते हैं? पिछले 20-25 वर्षों में रिफाइंड तेल का प्रचलन बढ़ा है।


रिफाइंड तेल बनाने में 6 से 7 रासायनिक पदार्थों का उपयोग होता है, और डबल रिफाइंड में यह संख्या 12-13 तक पहुँच जाती है। ये रसायन मानव निर्मित होते हैं और प्राकृतिक नहीं होते।


शुद्ध तेल जैसे सरसों, मूंगफली या नारियल का तेल ही स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। शुद्ध तेल में प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं।


स्वास्थ्य के लिए सही विकल्प

आपको शुद्ध तेल का सेवन करना चाहिए, जैसे सरसों का, मूंगफली का या नारियल का। शुद्ध तेल में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।


रिफाइंड तेल का सेवन करने से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे हृदय रोग, पैरालिसिस और अन्य गंभीर बीमारियाँ।


इसलिए, पाम तेल और रिफाइंड तेल से दूर रहकर शुद्ध तेल का सेवन करें।


पाम तेल का खतरा

भारत में पाम तेल का बढ़ता प्रभाव और स्वास्थ्य पर इसके दुष्प्रभाव


भारत में पामोलिन तेल की बिक्री में वृद्धि हो रही है, और यह अन्य तेलों में मिलाकर बेचा जा रहा है। शोध बताते हैं कि पाम तेल में ट्रांस फैट्स की मात्रा अधिक होती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।


इसलिए, पाम तेल का सेवन करने से हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।