भारत में जीएसटी दरों में बदलाव: क्या सस्ता और क्या महंगा होगा?
भारत में जीएसटी दरों में बदलाव 22 सितंबर से लागू होने जा रहा है, जिससे आम नागरिकों पर सीधा असर पड़ेगा। नई दरों के अनुसार, 5% और 18% की मुख्य दरें होंगी, जबकि कुछ वस्तुओं पर 40% की विशेष दर लागू होगी। इस बदलाव से रोजमर्रा की आवश्यक चीजें सस्ती होंगी, लेकिन रेस्टोरेंट में खाना और कुछ उपभोक्ता सामान महंगे हो जाएंगे। उपभोक्ताओं को खरीदारी करते समय सावधान रहने की सलाह दी गई है, खासकर एमआरपी की जांच करते समय।
Sep 21, 2025, 14:43 IST
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जीएसटी में महत्वपूर्ण परिवर्तन
भारत में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) की दरों में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन सोमवार, 22 सितंबर से लागू होने जा रहा है, जिसका सीधा प्रभाव आम जनता की जेब पर पड़ेगा। इस परिवर्तन के बाद, जीएसटी की मुख्य दरें अब केवल दो श्रेणियों में 5% और 18% होंगी। इसके अतिरिक्त, 40% की एक विशेष दर पान मसाला, सिगरेट और कार्बोनेटेड पेय पदार्थों जैसी कुछ वस्तुओं पर लागू होगी।
जीएसटी दरों में बदलाव: सस्ता और महंगा क्या?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया है कि कई इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं, जैसे कि टीवी और एयर कंडीशनर, 18% की श्रेणी में रखी गई हैं।
क्या होगा सस्ता: रोजमर्रा की आवश्यक चीजें जैसे पैकेज्ड फूड, खाद्य तेल, घरेलू सफाई उत्पाद, और छोटी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं (जैसे चार्जर, ईयरफोन) सस्ती होंगी। बेंगलुरु जैसे शहरों में ऐप-आधारित ऑटो और कैब की सवारी भी सस्ती हो जाएगी। सामान्य बीमारियों की दवाएं और चिकित्सा उपकरण भी कम दरों पर उपलब्ध होंगे।
क्या होगा महंगा: रेस्टोरेंट में खाना, विशेषकर एयर-कंडीशन्ड और प्रीमियम आउटलेट्स में, महंगा हो जाएगा। इसके अलावा, रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन जैसे उपभोक्ता टिकाऊ सामान, सैलून और स्पा सेवाएं, और प्रीमियम स्मार्टफोन भी महंगे हो जाएंगे।
कुल मिलाकर, इन परिवर्तनों से रोजमर्रा के खर्चों में राहत मिलने की उम्मीद है, लेकिन बाहर खाने या घरेलू उपकरण खरीदने की लागत बढ़ सकती है।
उपभोक्ताओं को सावधान रहने की आवश्यकता
जीएसटी में बदलाव के बाद उपभोक्ताओं को कुछ सावधानियां बरतनी होंगी, खासकर खरीदारी करते समय।
एमआरपी (MRP) की दोबारा जांच क्यों है जरूरी?
भ्रम की स्थिति: 22 सितंबर से पहले बने उत्पादों पर पुरानी और नई दोनों एमआरपी हो सकती हैं, जिससे दुकानदार अधिक कीमत वसूल सकते हैं।
उदाहरण: यदि किसी बिस्किट के पैक की पुरानी कीमत 50 रुपये थी, तो नई दरों के तहत यह 48 रुपये हो सकती है, लेकिन कुछ दुकानदार पुरानी कीमत पर ही बेच सकते हैं।
नया नियम: कंपनियों को अब अख़बारों में संशोधित एमआरपी का विज्ञापन देने की आवश्यकता नहीं होगी। वे केवल डीलरों को नई मूल्य सूची भेजेंगी।
पैकेजिंग: कंपनियां पुरानी पैकेजिंग का उपयोग 31 मार्च, 2026 तक कर सकेंगी, लेकिन उन्हें स्टिकर या डिजिटल प्रिंटिंग के माध्यम से नई कीमत दिखानी होगी।
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने कंपनियों को इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि आप खरीदारी करते समय कीमतों की सावधानीपूर्वक जांच करें ताकि आपको जीएसटी में कटौती का पूरा लाभ मिल सके।