भारत में ज़मीन रजिस्ट्री प्रक्रिया में बदलाव: नए नियम 2025 से लागू

भारत में ज़मीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया का महत्व
भारत में ज़मीन और संपत्ति की रजिस्ट्री एक आवश्यक प्रक्रिया है, जो संपत्ति के कानूनी स्वामित्व को प्रमाणित करती है। हाल ही में, सरकार ने इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है। ये नए नियम 1 जनवरी, 2025 से प्रभावी होंगे। इन परिवर्तनों का मुख्य उद्देश्य रजिस्ट्री प्रक्रिया को अधिक सरल, पारदर्शी और सुरक्षित बनाना है।
नए नियमों की विशेषताएँ
नए नियमों में डिजिटल रजिस्ट्रेशन, आधार कार्ड से लिंकिंग, वीडियो रिकॉर्डिंग और ऑनलाइन फ़ीस भुगतान जैसे प्रावधान शामिल हैं। ये सभी पहलू न केवल प्रक्रिया को तेज़ और सरल बनाएंगे, बल्कि फ़र्ज़ी रजिस्ट्री और ज़मीन विवादों को भी कम करेंगे।
ज़मीन रजिस्ट्री के नए नियम 2025: एक बड़ा कदम
भारत में संपत्ति रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को आधुनिक और पारदर्शी बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। यह बदलाव न केवल लोगों के लिए प्रक्रिया को सरल बनाएगा, बल्कि फ़र्ज़ीवाड़े और विवादों को रोकने में भी मदद करेगा। डिजिटल तकनीक और आधार लिंकिंग जैसे उपाय इस प्रक्रिया को सुरक्षित और तेज़ बनाएंगे।
नए नियमों की मुख्य बातें (18 नए नियम)
यहाँ उन 18 नए नियमों के प्रमुख बिंदुओं का विस्तृत विवरण दिया गया है, जो 1 जनवरी, 2025 से लागू होंगे:
डिजिटल रजिस्ट्रेशन
पूरी तरह से डिजिटल रजिस्ट्रेशन: रजिस्ट्री प्रक्रिया अब पूरी तरह से डिजिटल हो जाएगी।
ऑनलाइन आवेदन: लोग अपने घर से ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे, रजिस्ट्रार के दफ़्तर जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
डिजिटल दस्तावेज़ जमा: सभी दस्तावेज़ डिजिटल फ़ॉर्मेट में जमा किए जाएंगे।
डिजिटल हस्ताक्षर और सर्टिफिकेट: डिजिटल सिग्नेचर और सर्टिफिकेट की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
आधार लिंकिंग
अनिवार्य आधार लिंक: प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन को आधार कार्ड से जोड़ना अनिवार्य होगा।
बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन: खरीदार और विक्रेता दोनों को अपने आधार कार्ड को रजिस्ट्री प्रक्रिया में लिंक करना होगा।
फ़र्ज़ी रजिस्ट्री पर रोक: इस कदम से फ़र्ज़ी रजिस्ट्री की संभावना समाप्त हो जाएगी।
वीडियो रिकॉर्डिंग
पारदर्शिता का मानक: रजिस्ट्री प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य होगी।
सबूत के रूप में: रजिस्ट्री के समय पूरी प्रक्रिया की रिकॉर्डिंग की जाएगी।
ऑनलाइन फ़ीस भुगतान
नकद लेनदेन का अंत: रजिस्ट्री फ़ीस और स्टांप ड्यूटी का भुगतान अब केवल ऑनलाइन माध्यम से किया जाएगा।
डिजिटल पेमेंट गेटवे: क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग और UPI जैसे विकल्प उपलब्ध होंगे।
यूनिक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन नंबर (ULPIN)
भू-आधार: ULPIN हर ज़मीन के टुकड़े को 14 अंकों का एक यूनिक अल्फा-न्यूमेरिक कोड प्रदान करेगा।
ज़मीन की पहचान: इस कोड में ज़मीन के मालिक, साइज़ और लोकेशन की जानकारी होगी।
इलेक्ट्रॉनिक स्टैम्पिंग
जालसाज़ी पर रोक: पारंपरिक स्टैम्प पेपर की जगह अब इलेक्ट्रॉनिक स्टैम्पिंग का उपयोग किया जाएगा।
सही भुगतान: स्टैम्प ड्यूटी का सही भुगतान सुनिश्चित होगा।
नई रजिस्ट्री प्रक्रिया: चरण-दर-चरण
2025 से ज़मीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया इस प्रकार होगी:
ऑनलाइन आवेदन: सबसे पहले आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
दस्तावेज़ों का डिजिटल अपलोड: सभी आवश्यक दस्तावेज़ों को स्कैन कर ऑनलाइन अपलोड करना होगा।
आवश्यक दस्तावेज़
नई प्रक्रिया के तहत निम्नलिखित दस्तावेज़ अनिवार्य होंगे:
आधार कार्ड
पैन कार्ड
प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट्स
नॉन-एनकंबरेंस सर्टिफिकेट
रेवेन्यू रिकॉर्ड्स
निष्कर्ष
इन नए नियमों को जानना और समझना बेहद ज़रूरी है ताकि आपकी ज़मीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया आसान और सुरक्षित रहे।
क्या आपको लगता है कि ये नए नियम ज़मीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया को और बेहतर बनाएंगे?