भारत में UPI का असमान उपयोग: आंकड़े बताते हैं डिजिटल भुगतान में खाई

भारत में UPI ने डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है, लेकिन इसके उपयोग में राज्यों के बीच बड़ा अंतर है। महाराष्ट्र और तेलंगाना जैसे राज्यों में UPI का उपयोग अधिक है, जबकि बिहार और त्रिपुरा जैसे राज्यों में यह काफी कम है। छोटे और शहरी क्षेत्रों में UPI लेनदेन की संख्या अधिक है, जबकि पूर्वी राज्यों में स्थिति कमजोर है। जानें कैसे भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था विभिन्न गति से आगे बढ़ रही है और इसे समान बनाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
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UPI का बढ़ता प्रभाव

भारत में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में UPI ने एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है, जो लगातार नए रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है। हर महीने 20 अरब से अधिक लेनदेन और लगभग 85% डिजिटल भुगतान UPI के माध्यम से हो रहे हैं। लेकिन जब इन आंकड़ों को जनसंख्या के संदर्भ में देखा जाता है, तो स्थिति कुछ और ही नजर आती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के विभिन्न राज्यों में UPI का उपयोग समान रूप से नहीं हो रहा है।


व्यक्तिगत उपयोग में भिन्नता

नवंबर 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, राज्यों के UPI लेनदेन और उनकी वैल्यू को जनसंख्या के साथ जोड़कर देखा गया। यह स्पष्ट हुआ कि महाराष्ट्र जैसे बड़े और आर्थिक रूप से मजबूत राज्य में प्रति व्यक्ति UPI का उपयोग बिहार की तुलना में लगभग सात गुना अधिक है। वहीं, तेलंगाना, जो राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे स्थान पर है, में प्रति व्यक्ति लेनदेन त्रिपुरा से छह गुना अधिक हैं।


दक्षिण और पश्चिम भारत की बढ़त

दक्षिण और पश्चिम भारत के राज्य इस संदर्भ में सबसे आगे हैं। कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राष्ट्रीय औसत से काफी ऊपर हैं। इसके विपरीत, झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य नीचे की सूची में हैं, जो डिजिटल भुगतान में मौजूद खाई को दर्शाते हैं।


शहरी क्षेत्रों में अधिक लेनदेन

जब जनसंख्या का प्रभाव हटा दिया जाता है, तो छोटे और अधिक शहरी क्षेत्र सबसे आगे आते हैं। दिल्ली में एक व्यक्ति औसतन महीने में 23.9 UPI लेनदेन करता है। इसके बाद गोवा (23.3), तेलंगाना (22.6) और चंडीगढ़ (22.5) का स्थान है। बड़े राज्यों में, महाराष्ट्र लगभग 17.4 लेनदेन प्रति व्यक्ति के साथ सबसे मजबूत स्थिति में है, जहां QR कोड और डिजिटल बुनियादी ढांचे का व्यापक नेटवर्क है।


लेनदेन की राशि में समान रुझान

लेनदेन की संख्या के साथ-साथ राशि के मामले में भी यही प्रवृत्ति देखी जाती है। तेलंगाना प्रति व्यक्ति महीने में लगभग 34,800 रुपये के UPI भुगतान के साथ सबसे ऊपर है। इसके बाद गोवा और दिल्ली का स्थान है, जो दर्शाता है कि इन राज्यों में लोग रोजमर्रा के बड़े भुगतान के लिए UPI पर भरोसा कर रहे हैं।


पूर्व और उत्तर-पूर्व में कम उपयोग

वहीं, त्रिपुरा और बिहार जैसे राज्यों में प्रति व्यक्ति महीने में चार से भी कम UPI लेनदेन होते हैं। झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल भी इसी श्रेणी में आते हैं। उत्तर-पूर्व में स्थिति मिली-जुली है; अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में उपयोग बेहतर है, जबकि त्रिपुरा और असम अभी पीछे हैं।


डिजिटल अर्थव्यवस्था की विविध गति

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था विभिन्न गति से आगे बढ़ रही है। इस अंतर को कम करने के लिए स्मार्टफोन की पहुंच बढ़ाना, नेटवर्क कनेक्टिविटी में सुधार करना और छोटे दुकानदारों को तेजी से UPI से जोड़ना आवश्यक होगा। तकनीक देशभर में उपलब्ध है, अब चुनौती इसके गहरे और समान उपयोग की है।