भारत में GST 2.0: टैक्स ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव

भारत में GST 2.0 के तहत टैक्स प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहे हैं। नए टैक्स स्लैब के अनुसार, 5% और 18% के अलावा कोई अन्य स्लैब नहीं रहेगा। इससे खाद्य वस्तुओं और घरेलू सामान की कीमतों में कमी आएगी, जबकि कुछ लग्जरी और हानिकारक उत्पाद महंगे होंगे। सितंबर में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इन बदलावों को मंजूरी मिलने की उम्मीद है। जानें कि आपके लिए क्या सस्ता होगा और क्या महंगा।
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भारत में GST 2.0: टैक्स ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव

GST का नया चरण

भारत में टैक्स प्रणाली में एक नया बदलाव आने वाला है। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) को लागू हुए कई वर्ष हो चुके हैं, और अब इसके दूसरे चरण, जिसे GST 2.0 कहा जा रहा है, की तैयारी चल रही है। यह परिवर्तन सीधे तौर पर आम जनता की जेब पर प्रभाव डालेगा। जीएसटी सुधार के बाद, खाद्य पदार्थों से लेकर वाहनों और इलेक्ट्रॉनिक्स तक की कीमतों में बदलाव देखने को मिलेगा। कुछ वस्तुएं महंगी हो सकती हैं।


सितंबर में संभावित बदलाव

उम्मीद की जा रही है कि सितंबर में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में ये परिवर्तन स्वीकृत हो जाएंगे। इसके बाद इस साल की दिवाली से पहले बाजार में इसके प्रभाव दिखाई देंगे। ये जीएसटी सुधार कई दृष्टिकोण से आम आदमी के लिए राहत देने वाले माने जा रहे हैं, लेकिन कुछ मामलों में ये लोगों की जेब पर भारी भी पड़ सकते हैं।


टैक्स स्लैब में कमी

अब देश में केवल दो टैक्स स्लैब होंगे: 5% और 18%। पहले चार टैक्स स्लैब थे - 5%, 12%, 18% और 28%। GST 2.0 के तहत 12% और 28% वाले स्लैब समाप्त कर दिए जाएंगे। इसका अर्थ है कि जो उत्पाद पहले 12% टैक्स में थे, वे अब 5% में आएंगे, और जो 28% में थे, वे 18% स्लैब में शिफ्ट हो जाएंगे। इससे खाद्य वस्तुएं, घरेलू सामान और छोटी गाड़ियां सस्ती होंगी, जबकि लग्जरी और हानिकारक उत्पादों पर टैक्स बढ़ेगा।


महंगे उत्पादों की सूची

जहां सामान्य वस्तुएं सस्ती होंगी, वहीं कुछ उत्पादों की कीमतें बढ़ाई जा रही हैं। सरकार एक नया 40% टैक्स स्लैब लाने की योजना बना रही है, जिसमें ऐसे उत्पाद शामिल होंगे जो समाज के लिए हानिकारक माने जाते हैं। इनमें शराब, तंबाकू, सिगरेट, शुगर ड्रिंक्स, फास्ट फूड और जुआ से संबंधित उत्पाद शामिल होंगे। इसके अलावा, कुछ लग्जरी वस्तुओं को भी इस स्लैब में रखा जाएगा।


इलेक्ट्रॉनिक और ऑटो सेक्टर में राहत

एसी, फ्रिज, और टीवी जैसी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं अब 28% टैक्स स्लैब से 18% में आ जाएंगी। इसका मतलब है कि एक एसी पर लगभग 1500 से 2500 रुपये की बचत हो सकती है। इसी तरह, 32 इंच से बड़े टीवी भी सस्ते हो सकते हैं।


खाद्य वस्तुओं पर टैक्स में कमी

जीएसटी सुधार के बाद, जिन वस्तुओं पर पहले 12% टैक्स लगता था, वे अब सीधे 5% स्लैब में आ जाएंगी। इसका मतलब है कि भुजिया, नमकीन, आलू चिप्स, और अन्य खाद्य उत्पाद सस्ते हो जाएंगे। ये सभी चीजें आम आदमी की रोजमर्रा की जरूरतों में शामिल हैं, और इनका सस्ता होना एक राहत भरा कदम है।