भारत के प्रमुख शहरों में प्रॉपर्टी रेट्स में उतार-चढ़ाव

भारत के विभिन्न शहरों में प्रॉपर्टी रेट्स में हालिया उतार-चढ़ाव पर एक नज़र डालते हैं। कुछ शहरों में दामों में गिरावट आई है, जबकि अन्य में तेजी से वृद्धि देखी गई है। जानें कौन से शहरों में प्रॉपर्टी खरीदना फायदेमंद हो सकता है और किस शहर में दामों में कमी आई है। यह जानकारी आपको सही निर्णय लेने में मदद कर सकती है।
 | 
भारत के प्रमुख शहरों में प्रॉपर्टी रेट्स में उतार-चढ़ाव

प्रॉपर्टी खरीदने का सपना

भारत के प्रमुख शहरों में प्रॉपर्टी रेट्स में उतार-चढ़ाव


हर किसी का सपना होता है कि वह अपना घर खरीदे। कुछ लोग इसके लिए लोन का सहारा लेते हैं, जबकि अन्य प्रॉपर्टी के दामों में गिरावट का इंतजार करते हैं। वर्तमान में, कई शहरों में प्रॉपर्टी के दामों में गिरावट आई है, जिससे लेन-देन में वृद्धि हुई है। कई लोग इस अवसर का लाभ उठाकर सस्ती प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, जबकि कुछ शहरों में दाम तेजी से बढ़ रहे हैं।


प्रॉपर्टी रेट्स में गिरावट वाले शहर

हाउस प्राइस इंडेक्स की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ शहरों में प्रॉपर्टी के दामों में कमी आई है, जबकि अन्य में आश्चर्यजनक वृद्धि देखी गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार, पिछले दो तिमाहियों में लखनऊ में 3.55 प्रतिशत और कानपुर में 4.32 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हालांकि, तीसरी तिमाही में कानपुर में 2 प्रतिशत की कमी आई है। लखनऊ में भी इसी समय के दौरान मामूली वृद्धि हुई है। बंगलुरू में प्रॉपर्टी के दामों में 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो कानपुर से लगभग दोगुना है।


बढ़ते प्रॉपर्टी रेट्स

इस साल की दूसरी तिमाही में हाउस प्राइस इंडेक्स (HPI) में 4.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो पिछले तिमाही में 3.3 प्रतिशत थी। एक साल पहले यह वृद्धि 3.5 प्रतिशत थी। इस दौरान विभिन्न शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतों में काफी भिन्नता देखी गई। बंगलूरू में 8.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि कानपुर में 2 प्रतिशत की कमी आई। अहमदाबाद, लखनऊ, कोलकाता और चेन्नई में भी मामूली 0.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। दिलचस्प बात यह है कि पहली तिमाही में लखनऊ की तुलना में कानपुर में कीमतों में सात गुना अधिक वृद्धि हुई थी।


हाउस प्राइस इंडेक्स की रिपोर्ट

आरबीआई द्वारा तैयार की गई हाउस प्राइस इंडेक्स (HPI) रिपोर्ट में अहमदाबाद, कोच्चि, बंगलूरू, कानपुर, मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, लखनऊ, चेन्नई, और जयपुर का औसत गृह मूल्य सूचकांक शामिल है। यह सूचकांक संपत्ति मूल्य लेनदेन के आधिकारिक आंकड़ों पर आधारित है, जिसे राज्य सरकारों के अधिकारियों द्वारा एकत्र किया जाता है।