भारत के निर्यात में वृद्धि: अमेरिका से कम निर्भरता का सकारात्मक परिणाम
भारत के निर्यात पर अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव
जब अमेरिका ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में भारत के विभिन्न उत्पादों पर 50% का भारी आयात शुल्क लगाया, तो यह चिंता का विषय बन गया। विशेष रूप से कपड़ा, रत्न-आभूषण, लेदर और समुद्री उत्पाद जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों को नुकसान की आशंका थी। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार रहा है, और वहां से ऑर्डर में कमी आने से निर्यातकों में चिंता बढ़ गई।
भारत ने चुनौती का सामना किया
हालांकि, भारत ने इस स्थिति का सामना धैर्य और रणनीतिक सोच के साथ किया। सरकार और उद्योग ने मिलकर नए बाजारों की खोज शुरू की और कई देशों के साथ व्यापारिक संबंधों को मजबूत किया। अब इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।
अमेरिका को निर्यात में कमी, लेकिन कुल निर्यात में वृद्धि
टैरिफ लागू होने के बाद अमेरिका को भारतीय निर्यात में गिरावट आई। मई 2025 में 8.8 अरब डॉलर का निर्यात घटकर सितंबर 2025 तक 5.5 अरब डॉलर रह गया, जो 37.5% की कमी दर्शाता है। लेकिन अन्य देशों को निर्यात में वृद्धि ने इस कमी की भरपाई की।
नई मार्केट रणनीति का प्रभाव
भारत ने अमेरिका पर निर्भरता कम करते हुए स्पेन, यूएई, चीन और बांग्लादेश जैसे देशों की ओर ध्यान दिया। अफ्रीका, मध्य पूर्व और लैटिन अमेरिका जैसे नए बाजारों में निर्यात बढ़ाया गया, जो व्यापार विविधता की नीति का एक अच्छा उदाहरण है।
कुछ क्षेत्रों में वृद्धि
सितंबर 2025 में कई उत्पादों का निर्यात तेजी से बढ़ा। इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में 50% से अधिक की वृद्धि हुई, जबकि चावल का निर्यात 33% बढ़कर लगभग 925 मिलियन डॉलर हो गया। समुद्री उत्पादों का निर्यात भी 23% बढ़कर 781 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया। रत्न और आभूषण का निर्यात भी थोड़ा बढ़ा।
कुछ क्षेत्रों में चुनौतियां बनी रहीं
हालांकि, रेडीमेड कपड़े और हथकरघा जैसे पारंपरिक श्रम-प्रधान क्षेत्रों में अभी भी दबाव बना हुआ है। रेडीमेड परिधान निर्यात में 10% और कपास व हथकरघा में लगभग 12% की गिरावट आई है।
व्यापार घाटा बढ़ा, लेकिन अर्थव्यवस्था स्थिर
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में भारत का व्यापार घाटा 155 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 145 अरब डॉलर था। इस दौरान कुल निर्यात 3% बढ़कर 220 अरब डॉलर और आयात 4.5% बढ़कर 375 अरब डॉलर हो गया।
आईएमएफ की रिपोर्ट में भारत की प्रशंसा
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत की आर्थिक मजबूती की सराहना की है। उनके अनुसार, वित्त वर्ष 2026 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.6% रहने का अनुमान है, जो दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज है।
24 देशों में निर्यात में सकारात्मक वृद्धि
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 24 देशों में निर्यात बढ़ाया है। कोरिया, जर्मनी, यूएई, रूस, कनाडा, ब्राज़ील, इटली और थाईलैंड जैसे देशों में निर्यात में वृद्धि हुई है।