भारत के निर्यात पर अमेरिका के 50% टैरिफ का प्रभाव

अमेरिका ने भारत से निर्यात होने वाले उत्पादों पर 50% टैरिफ लागू कर दिया है, जिसका प्रभाव पश्चिम बंगाल की अर्थव्यवस्था पर गंभीर हो सकता है। स्थानीय उद्योगों, विशेषकर चमड़ा और समुद्री उत्पादों, को इस टैरिफ से भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। निर्यातकों ने चिंता जताई है कि इस निर्णय के कारण उत्पादन और निर्यात में रुकावट आ सकती है। जानें इस टैरिफ के पीछे की वजहें और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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भारत के निर्यात पर अमेरिका के 50% टैरिफ का प्रभाव

अमेरिका द्वारा लगाए गए नए टैरिफ

भारत से अमेरिका को निर्यात होने वाले उत्पादों पर 50% का टैरिफ लागू हो गया है। यह निर्णय डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन और भारत के बीच व्यापार वार्ता में गतिरोध के चलते लिया गया है। इस टैरिफ का असर अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले 48.2 अरब डॉलर के माल पर पड़ेगा। नए टैरिफ बुधवार सुबह 9:30 बजे से प्रभावी हो गए।


पश्चिम बंगाल की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

अमेरिका द्वारा लगाए गए 25% अतिरिक्त शुल्क पश्चिम बंगाल की निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। स्थानीय हितधारकों का मानना है कि राज्य के श्रम आधारित चमड़ा, इंजीनियरिंग और समुद्री उद्योगों को आगामी त्योहारों से पहले गंभीर नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।


रूसी तेल की खरीद के लिए भारतीय उत्पादों पर बढ़ा हुआ शुल्क भी बुधवार से लागू हुआ, जिससे कुल शुल्क 50% हो गया है।


निर्यातकों की चिंताएँ

निर्यातकों का कहना है कि अमेरिकी शुल्क के कारण उत्पन्न भू-राजनीतिक परिस्थितियों के चलते निर्यात और उत्पादन दोनों ही 'फिलहाल रोक दिए गए हैं।' व्यापार अनुमानों के अनुसार, इस कदम से भारतीय निर्यात पर कम से कम 45,000 करोड़ रुपये का असर पड़ेगा, और बंगाल सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में से एक होगा।


भारतीय निर्यात संगठन महासंघ (फियो) के पूर्व क्षेत्रीय चेयरमैन योगेश गुप्ता ने कहा, 'श्रम-प्रधान उद्योग भारी दबाव में हैं।'


समुद्री निर्यात पर असर

बंगाल के वार्षिक समुद्री निर्यात पर इस टैरिफ का गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। राज्य का समुद्री खाद्य सामान के निर्यात में 12% का योगदान है, जिसमें झींगा किस्मों का प्रमुखता है।


भारतीय समुद्री खाद्य निर्यातक संघ (पूर्व) के चेयरमैन राजर्षि बनर्जी ने बताया कि अमेरिका को होने वाले 8,000 करोड़ रुपये के कुल निर्यात में से 5,000-6,000 करोड़ रुपये के समुद्री निर्यात पर सीधा असर पड़ेगा।


चमड़ा उद्योग पर प्रभाव

चमड़ा उद्योग भी बढ़े हुए शुल्क का खामियाजा भुगत रहा है, क्योंकि अमेरिका इसके सबसे बड़े खरीदारों में से एक है। भारतीय चमड़ा उत्पाद संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मोहम्मद अजार ने कहा कि कोलकाता के पास बंताला चमड़ा केंद्र में लगभग पांच लाख लोग कार्यरत हैं।


उन्होंने बताया कि केवल भारत और ब्राजील पर ही 50% शुल्क लगाया गया है, जबकि दक्षिण-पूर्व एशिया में यह दर केवल 19-20% है।


अमेरिकी गृह मंत्रालय का मसौदा आदेश

अमेरिकी गृह मंत्रालय ने सोमवार को जारी मसौदा आदेश में कहा कि बढ़ा हुआ शुल्क उन भारतीय उत्पादों पर लागू होगा जिन्हें 27 अगस्त, 2025 को 'ईस्टर्न डेलाइट टाइम' (ईडीटी) के अनुसार रात 12:01 बजे या उसके बाद उपभोग के लिए लाया गया है।


ट्रंप ने भारत पर 25% के जवाबी शुल्क की घोषणा की थी, जो 7 अगस्त से लागू हो गया।