भारत के तेल आयात में नया मोड़: सऊदी अरब और इराक की बढ़ती भूमिका

भारत के तेल आयात में एक महत्वपूर्ण बदलाव आ रहा है, जहां रूसी कच्चे तेल की जगह सऊदी अरब और इराक की बढ़ती भूमिका सामने आ रही है। पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के चलते भारतीय रिफाइनरियों ने रूस से दूरी बना ली है और मध्य पूर्व के देशों से अधिक तेल की आपूर्ति प्राप्त कर रहे हैं। जानें इस बदलाव के पीछे के कारण और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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भारत के तेल आयात में नया मोड़: सऊदी अरब और इराक की बढ़ती भूमिका

भारत के तेल आयात में महत्वपूर्ण बदलाव

भारत के तेल आयात में नया मोड़: सऊदी अरब और इराक की बढ़ती भूमिका

भारत के तेल आयात में बदलाव

भारत के तेल आयात में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहा है। हाल के समय में, रूसी कच्चे तेल की मांग में कमी आई है, और इसके स्थान पर मध्य पूर्व के देशों की ओर रुख किया जा रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, सऊदी अरब, इराक और कुवैत ने दिसंबर के लिए भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति बढ़ा दी है। यह कदम तब उठाया गया है जब पश्चिमी देशों के कड़े प्रतिबंधों के कारण भारतीय रिफाइनरियों ने रूस से तेल खरीदने में संकोच किया है।


रूस पर नए प्रतिबंधों का प्रभाव

रूस पर कड़ा शिकंजा

यह बदलाव पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर लगाए गए नए प्रतिबंधों का परिणाम है। पिछले महीने अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने रूस की प्रमुख तेल कंपनियों पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे। इन प्रतिबंधों के लागू होते ही व्यापार में रुकावटें आनी शुरू हो गईं, जिससे भारत और चीन जैसे खरीदारों में चिंता बढ़ गई कि वे भी इन प्रतिबंधों के दायरे में आ सकते हैं। इस जोखिम से बचने के लिए, भारतीय रिफाइनरियों ने फिलहाल रूस से तेल खरीदने का निर्णय लिया है।


मध्य पूर्व का बढ़ता महत्व

भारत के लिए मध्य पूर्व ने खोला खजाना

जैसे ही भारतीय रिफाइनरियों ने रूस से दूरी बनाई, उन्होंने तुरंत मध्य पूर्व के उत्पादकों की ओर रुख किया। चार भारतीय रिफाइनरियों के सूत्रों के अनुसार, OPEC के प्रमुख उत्पादक, सऊदी अरब और इराक, ने भारत के अनुरोध को पूरा किया है। इराक ने पिछले महीने की तुलना में अधिक तेल देने पर सहमति जताई है, जबकि सऊदी अरामको ने भी एक अन्य रिफाइनरी की सप्लाई बढ़ाई है। इसके अलावा, कुवैत पेट्रोलियम भी नवंबर और दिसंबर में भारत को अधिक कच्चे तेल की आपूर्ति कर रहा है।


कम कीमतों का लाभ

कम कीमतों का दोहरा फायदा

इस नए घटनाक्रम से OPEC को बड़ा लाभ होता दिख रहा है। भारत, जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है, के लिए यह एक महत्वपूर्ण बाजार है। एक रिफाइनरी सूत्र ने बताया कि मध्य पूर्व के सप्लायर्स के पास तेल की कोई कमी नहीं है और वे इसे बाजार में लाने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा, हाल ही में सऊदी अरामको और इराक के स्टेट ऑयल मार्केटर SOMO ने अपने बिक्री मूल्यों में कटौती की है, जिससे भारतीय रिफाइनरियों के लिए यह सौदा और भी फायदेमंद हो गया है.