भारत की नई एक्सपोर्ट रणनीति: अमेरिका पर निर्भरता कम कर नए बाजारों में बढ़त

भारत ने अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ के प्रभाव को कम करने के लिए अपनी निर्यात रणनीति में बदलाव किया है। अब भारत नए बाजारों की ओर बढ़ रहा है, जिससे उसकी निर्यात वृद्धि में तेजी आई है। सितंबर में भारत का कुल निर्यात 6.7% बढ़ा, जबकि अमेरिका को निर्यात में कमी आई। UAE, जापान और अन्य देशों में भारतीय उत्पादों की मांग में वृद्धि हो रही है। जानें भारत की नई रणनीति और इसके पीछे की चुनौतियों के बारे में।
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भारत की नई एक्सपोर्ट रणनीति: अमेरिका पर निर्भरता कम कर नए बाजारों में बढ़त

भारत की नई एक्सपोर्ट रणनीति

भारत की नई एक्सपोर्ट रणनीति: अमेरिका पर निर्भरता कम कर नए बाजारों में बढ़त


भारत की नई एक्सपोर्ट रणनीति


अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए उच्च टैरिफ का प्रभाव अब कम होता नजर आ रहा है। भारत ने अपने निर्यात को केवल अमेरिका पर निर्भर रहने से हटाकर कई नए देशों में विस्तार करना शुरू कर दिया है, और यह रणनीति अब सफल होती दिख रही है।


सितंबर में भारत के कॉटन रेडीमेड कपड़ों, समुद्री उत्पादों और अन्य वस्तुओं का निर्यात अमेरिका में घटा, लेकिन UAE, फ्रांस, जापान, चीन और वियतनाम जैसे देशों में तेजी से बढ़ा है। इसका मतलब है कि भारत की निर्यात विविधीकरण रणनीति अब परिणाम दे रही है।


अमेरिकी टैक्स बढ़ा, पर भारत ने बदला रास्ता


अमेरिका ने अगस्त में भारतीय सामानों पर पहले 25% और फिर 50% तक टैरिफ बढ़ा दिया था। इस स्थिति में यह उम्मीद की जा रही थी कि भारत का निर्यात प्रभावित होगा। लेकिन भारत ने अपनी रणनीति में बदलाव किया और नए बाजारों पर ध्यान केंद्रित किया। सितंबर में भारत का कुल मर्चेंडाइज निर्यात 6.7% बढ़कर $36.38 बिलियन तक पहुंच गया। हालांकि अमेरिका को निर्यात 11.93% घटा, फिर भी भारत के कुल निर्यात की गति धीमी नहीं हुई।


सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका को भेजे गए समुद्री उत्पादों का निर्यात लगभग 27% घट गया, लेकिन चीन, वियतनाम और थाईलैंड को निर्यात में 60% से अधिक की वृद्धि हुई। इसी तरह, कपड़ों, बासमती चावल, चाय, कालीन और चमड़े के उत्पादों की बिक्री अमेरिका में घटी, लेकिन अन्य देशों में इनकी मांग बढ़ी है।


UAE और जापान बने नए एक्सपोर्ट सेंटर


भारतीय कपड़ों और रेडीमेड गारमेंट्स की बिक्री में UAE, फ्रांस और जापान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वहीं, ईरान को बासमती चावल का निर्यात छह गुना बढ़ गया है। चाय की बिक्री में अमेरिका में गिरावट आई, लेकिन UAE, जर्मनी और इराक में भारतीय चाय की मांग तेजी से बढ़ी है।


भारत सरकार ने अब एक वैश्विक निर्यात विविधीकरण अभियान शुरू किया है, जिसमें यूरोप, एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के 40 प्रमुख देशों की पहचान की गई है। इन देशों में भारत अपने टेक्सटाइल, हैंडीक्राफ्ट और तकनीकी कपड़ों के निर्यात को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।


आगे की राह और चुनौतियां


विशेषज्ञों का मानना है कि यह रणनीति लंबी अवधि में सफल हो सकती है, लेकिन चीन जैसे देशों से सस्ती प्रतिस्पर्धा और भारी छूट अभी भी एक चुनौती बनी हुई है। इसके बावजूद, भारत की सरकार और उद्योग का ध्यान अब एक स्थायी और विविध निर्यात नेटवर्क बनाने पर है।