भारत की आर्थिक मजबूती: टैरिफ और H-1B वीजा के बावजूद निवेश का आकर्षण

जेपी मॉर्गन के एशिया-पेसिफिक प्रमुख शोर्ड लीनार्ट ने भारत की आर्थिक मजबूती की सराहना की है, यह बताते हुए कि टैरिफ और नए H-1B वीजा नियमों के बावजूद भारत एक आकर्षक निवेश स्थल बना हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत की घरेलू मांग और विविधता इसे अन्य देशों की तुलना में अधिक सुरक्षित बनाती है। इसके अलावा, जेपी मॉर्गन ने भारत में अपनी उपस्थिति में 20% की वृद्धि की है, जो इस देश में निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
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भारत की आर्थिक मजबूती: टैरिफ और H-1B वीजा के बावजूद निवेश का आकर्षण

भारत की आर्थिक स्थिति पर जेपी मॉर्गन का दृष्टिकोण

भारत की आर्थिक मजबूती: टैरिफ और H-1B वीजा के बावजूद निवेश का आकर्षण

टैरिफ और वीजा मुश्किलों के बावजूद भारत मजबूत!

जेपी मॉर्गन के एशिया-पेसिफिक प्रमुख, शोर्ड लीनार्ट ने हाल ही में कहा कि वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच भारत एक उज्ज्वल निवेश स्थल बना हुआ है। उन्होंने बताया कि भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था की मजबूती और निर्यात पर कम निर्भरता इसे अन्य देशों की तुलना में अधिक सुरक्षित बनाती है।

हालांकि अमेरिका ने भारत पर भारी टैरिफ लगाया है, लीनार्ट का मानना है कि भारत इस स्थिति का सामना कर सकता है और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाए रखेगा। उन्होंने कहा कि भारत की घरेलू मांग और विविधता इसे आगे बढ़ने में मदद करेगी।

H-1B वीजा में नए नियम और उनके प्रभाव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में H-1B वीजा के लिए नए नियम लागू किए हैं, जिसमें अब इस वीजा के लिए 100,000 डॉलर का नया शुल्क भी देना होगा। यह वीजा भारतीय पेशेवरों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारतीयों का इस वीजा पर 70% से अधिक हिस्सा है। लीनार्ट ने कहा कि हालांकि ये नए नियम कुछ चुनौतियाँ पेश कर सकते हैं, लेकिन मौजूदा H-1B धारकों को इससे नुकसान नहीं होगा। इसके अलावा, इस बदलाव का पूरा प्रभाव अभी स्पष्ट नहीं है।

ट्रंप का यह नियम अमेरिकी नौकरियों की रक्षा के लिए है, लेकिन इससे अमेरिकी कंपनियों की लागत बढ़ सकती है और वे भारत जैसे देशों में अपने तकनीकी केंद्रों को बढ़ाने के लिए मजबूर हो सकती हैं। भारत में कई वैश्विक तकनीकी और वित्तीय कंपनियाँ अपनी उपस्थिति बढ़ा रही हैं, जो यहाँ की प्रतिभा और लागत लाभों का लाभ उठा रही हैं।

जेपी मॉर्गन का भारत में बढ़ता विश्वास

लीनार्ट ने बताया कि जेपी मॉर्गन ने भारत में अपनी उपस्थिति और कर्मचारियों की संख्या में पिछले दो वर्षों में 20% की वृद्धि की है। बैंक यहाँ निवेश बैंकिंग, कॉर्पोरेट बैंकिंग, एसेट मैनेजमेंट, पेमेंट और सिक्योरिटी सेवाएँ प्रदान करता है। मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद में इसके बड़े कॉर्पोरेट केंद्र हैं, जो तकनीकी और व्यावसायिक संचालन में सहायता करते हैं।

इसके अलावा, जेपी मॉर्गन की M&A प्रमुख अनु अयंगर ने बताया कि भारत में इस वर्ष शुरू होने वाले IPO (प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम) की संख्या किसी अन्य देश से अधिक हो सकती है। यह दर्शाता है कि भारत के शेयर बाजार में निवेशकों का विश्वास बढ़ रहा है और यह एक उभरता हुआ बाजार है।