भारत की अर्थव्यवस्था 2047 तक 35 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना

भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था

देश की इकोनॉमी
भारत तेजी से वैश्विक व्यापार का केंद्र बनता जा रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका के देशों के साथ व्यापारिक संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। यह सब तब हो रहा है जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता पैदा की है। भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लागू है, और चीन के साथ प्रतिस्पर्धा भी बढ़ रही है। इसके बावजूद, भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। वर्तमान में, भारत 4 ट्रिलियन डॉलर के साथ चौथे स्थान पर है, और 2047 तक इसकी अर्थव्यवस्था 35 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है, जिससे यह विकसित देशों की श्रेणी में आ जाएगा। आइए जानते हैं कि इस बारे में भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल का क्या कहना है…
भारत की प्रगति को कोई नहीं रोक सकता
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि 2047 तक भारत को एक विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनने से कोई भी ताकत नहीं रोक सकती। उन्होंने घरेलू विकास, बुनियादी ढांचे और वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों का उल्लेख किया। मुंबई में छठे ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ) में बोलते हुए, गोयल ने कहा कि अब दुनिया भारत को ‘भरोसे और आत्मविश्वास’ के साथ देखती है। इसका कारण देश की उच्च गुणवत्ता वाली प्रतिभा, उत्पाद और सेवाएं हैं, और समय पर डिलीवरी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि भारत अब फिनटेक क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बन चुका है।
35 ट्रिलियन डॉलर की आकांक्षा
मंत्री ने आगे कहा कि भारत 2047 तक 30-35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखता है। यह लक्ष्य पूरी तरह से प्राप्त किया जा सकता है, बशर्ते कि मजबूत आर्थिक बुनियादी ढांचे, एक मजबूत वित्तीय क्षेत्र और विस्तारित अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों का समर्थन प्राप्त हो। गोयल ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र में विश्वास ही एकमात्र ऐसी करेंसी है जिसकी वैल्यू कभी कम नहीं होती। उन्होंने बताया कि भारत की स्थिर वृद्धि और संरचनात्मक सुधारों ने इसे 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था तक पहुंचाया है, जो दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
विकसित देशों के साथ व्यापारिक संबंध
गोयल ने कहा कि सरकार वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, बुनियादी ढांचे के विकास और उपभोग-आधारित वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि विकसित देशों के साथ भारत के व्यापारिक संबंध मजबूत हो रहे हैं और वस्तुओं एवं सेवाओं के निर्यात में 4-5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। गोयल ने यूरोप के साथ हुए व्यापार समझौतों और ब्रिटेन के संभावित व्यापार सौदों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत आज एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है, जो एक कम कर, मजबूत संस्थानों और उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने पर केंद्रित एक विश्वसनीय वैश्विक साझेदार है। उन्होंने यह भी कहा कि देश का डिजिटल परिवर्तन इस गति को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.