भारत का मोबाइल फोन निर्यात सितंबर में 95% बढ़ा, 1.8 अरब डॉलर तक पहुंचा

सितंबर 2025 में भारत का मोबाइल फोन निर्यात 95% की वृद्धि के साथ 1.8 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के अनुसार, इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में कुल निर्यात 13.5 अरब डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 60% अधिक है। अमेरिका को निर्यात में 200% की वृद्धि हुई है, जिससे उसकी हिस्सेदारी कुल निर्यात में 70% हो गई है। जानें इस सफलता के पीछे के कारण और भविष्य की संभावनाएं।
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भारत का मोबाइल फोन निर्यात सितंबर में 95% बढ़ा, 1.8 अरब डॉलर तक पहुंचा

सितंबर में मोबाइल फोन निर्यात में वृद्धि

भारत का मोबाइल फोन निर्यात सितंबर में 95% बढ़ा, 1.8 अरब डॉलर तक पहुंचा

वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर) में भारत से मोबाइल फोन का कुल निर्यात लगभग 13.5 अरब डॉलर रहा।

सितंबर में मोबाइल फोन निर्यात: भारत से मोबाइल फोन का निर्यात सितंबर में अभूतपूर्व वृद्धि के साथ 1.8 अरब डॉलर से अधिक हो गया, जो कि 95% की बढ़ोतरी दर्शाता है। इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) के अनुसार, यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में काफी बेहतर है।

ICEA ने बताया कि आमतौर पर अगस्त और सितंबर के महीने उत्पादन और आपूर्ति में बदलाव के कारण कमजोर माने जाते हैं, लेकिन इस बार के आंकड़े यह दर्शाते हैं कि भारत में मोबाइल फोन निर्माण की प्रक्रिया अब काफी मजबूत हो चुकी है।

इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में मोबाइल फोन निर्यात में 60% की वृद्धि हुई, जो पिछले वर्ष इसी समय 8.5 अरब डॉलर था।

अमेरिका और ऑस्ट्रिया को निर्यात किए जा रहे मेड इन इंडिया फोन

भारत से निर्मित मोबाइल फोन अमेरिका, यूएई, ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड और ब्रिटेन जैसे देशों में सबसे अधिक भेजे जाते हैं। विशेष रूप से अमेरिका में इस बार 9.4 अरब डॉलर के फोन निर्यात किए गए, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा केवल 3.1 अरब डॉलर था। इसका अर्थ है कि अमेरिका को निर्यात में 200% की वृद्धि हुई है, और अब इसकी हिस्सेदारी कुल निर्यात में 70% हो गई है।

ICEA का अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष 2025-26 में भारत का मोबाइल फोन निर्यात 35 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है, जो पिछले वर्ष 24.1 अरब डॉलर था। ICEA के चेयरमैन पंकज मोहिंद्रू ने कहा, “भारत का मोबाइल उद्योग तेजी से प्रगति कर रहा है। हमें अपनी क्षमता और प्रतिस्पर्धा को बनाए रखना होगा ताकि हम वैश्विक बाजार में और आगे बढ़ सकें।”