ब्लैकरॉक का भारत में निवेश पर भरोसा, अगले साल मजबूत वृद्धि की उम्मीद

ब्लैकरॉक के प्रमुख निवेश रणनीतिकार बेन पॉवेल ने भारत के शेयर बाजार में संभावनाओं को उजागर किया है। उनका मानना है कि वैश्विक रुझान और राजनीतिक परिवर्तनों के चलते भारत का बाजार एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। उन्होंने बताया कि एआई के प्रभाव से निवेश के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं, जबकि कुछ देशों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जानें, भारत में निवेश के लिए क्या है पॉवेल की राय और अगले वर्ष के लिए क्या संभावनाएँ हैं।
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ब्लैकरॉक का भारत में निवेश पर भरोसा, अगले साल मजबूत वृद्धि की उम्मीद

ब्लैकरॉक का विश्वास

ब्लैकरॉक का भारत में निवेश पर भरोसा, अगले साल मजबूत वृद्धि की उम्मीद

ब्लैकरॉक ने जताया भरोसा


ब्लैकरॉक इन्वेस्टमेंट इंस्टीट्यूट के प्रमुख निवेश रणनीतिकार बेन पॉवेल ने कहा है कि वैश्विक रुझान, राजनीतिक परिवर्तनों और शेयर बाजार में सुधार भारत के लिए सकारात्मक संकेत दे रहे हैं। उन्होंने ईटी नाउ के साथ बातचीत में बताया कि भारत का हालिया प्रदर्शन घरेलू कारणों से नहीं, बल्कि बाहरी कारकों के कारण प्रभावित हुआ है। पॉवेल का मानना है कि अगले वर्ष में स्थिति में सुधार देखने को मिल सकता है।


निवेश के नए मानदंड

पॉवेल ने बताया कि अब निवेश का माहौल पहले जैसा नहीं रहा। पहले, लंबे समय तक निवेश करना और उसे बिना छुए रखना लाभकारी होता था, लेकिन अब राजनीतिक तनाव, व्यापारिक विवाद और नई तकनीकों के कारण निवेशकों को अधिक सोच-समझकर निर्णय लेने की आवश्यकता है। चाहे वह देश, क्षेत्र या विशेष कंपनियों का चयन हो।


एआई का प्रभाव

पॉवेल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) नए अवसरों के साथ-साथ कुछ देशों के लिए चुनौतियाँ भी ला रहा है। यह आपूर्ति श्रृंखला को बदल रहा है और नवाचार करने वाले देशों को लाभ पहुंचा रहा है। हालाँकि, भारत का हालिया प्रदर्शन भी बाहरी कारणों से प्रभावित हुआ है।


  • एआई की लहर से कोरिया, ताइवान और चीन को भारत से अधिक लाभ हुआ है।
  • अमेरिका-भारत के बीच व्यापारिक तनाव ने निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ाई है।


भारत में निवेश की संभावनाएँ

पॉवेल ने कहा कि अमेरिका में नए भारतीय राजदूत के शपथ ग्रहण के अवसर पर राष्ट्रपति ट्रंप के बयानों से संकेत मिलता है कि व्यापार समझौता जल्द ही हो सकता है, जो भारत के लिए सकारात्मक है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के शेयर अब पहले की तरह महंगे नहीं हैं और उनका मूल्य अब आकर्षक स्तर पर आ गया है।


पॉवेल ने यह भी स्पष्ट किया कि विदेशी निवेशक भारत और चीन के बीच बार-बार नहीं झूलते। भारत अब वैश्विक निवेश का स्थायी हिस्सा बन रहा है।


अमेरिका में बढ़ता निवेश

पॉवेल ने कहा कि कुछ चिंताओं के बावजूद, जैसे कि बाजार में एकतरफा बढ़त, ब्लैकरॉक अमेरिका में निवेश बढ़ा रहा है। उन्होंने बताया कि एआई से जुड़ी कंपनियाँ कमाई में आश्चर्यजनक वृद्धि दिखा रही हैं।


उन्होंने यह भी कहा कि एआई के इर्द-गिर्द दीर्घकालिक निवेश के अवसर केवल शेयरों में ही नहीं, बल्कि ऊर्जा उत्पादन, डेटा सेंटर, तांबा, और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में भी हैं।