बैंकिंग नियमों में बदलाव: 1 जुलाई से एटीएम चार्ज में वृद्धि

जुलाई 2025 से कई बैंकिंग नियमों में बदलाव होने जा रहा है, जिसमें एटीएम चार्ज में वृद्धि शामिल है। आईसीआईसीआई बैंक और अन्य निजी बैंकों ने अपने चार्ज बढ़ाने की घोषणा की है। इस बदलाव से ग्राहकों को प्रभावित होने की संभावना है, खासकर एटीएम निकासी और अंतरराष्ट्रीय लेनदेन पर। जानें इन नए नियमों के बारे में और कैसे आप डिजिटल भुगतान का उपयोग करके लेनदेन की लागत को कम कर सकते हैं।
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बैंकिंग नियमों में बदलाव: 1 जुलाई से एटीएम चार्ज में वृद्धि

1 जुलाई से एटीएम नियमों में बदलाव

जुलाई 2025 के आगमन के साथ, कई महत्वपूर्ण बैंकिंग नियमों में परिवर्तन होने जा रहा है। एटीएम के उपयोग, नकद निकासी, आईएमपीएस और डिमांड ड्राफ्ट से संबंधित नियमों में बदलाव की घोषणा की गई है। कई निजी बैंकों, जैसे आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और फेडरल बैंक ने जुलाई में अपने चार्ज बढ़ाने का निर्णय लिया है।


एटीएम ट्रांजैक्शन चार्ज

आईसीआईसीआई बैंक और अन्य निजी बैंकों ने सूचित किया है कि 1 जुलाई 2025 से एटीएम निकासी, नकद जमा, आईएमपीएस और डिमांड ड्राफ्ट के लिए शुल्क में वृद्धि होगी। मुंबई, नई दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद में पहले तीन लेनदेन एक महीने में मुफ्त होंगे। इसके बाद, प्रत्येक वित्तीय लेनदेन पर 21 रुपये (जीएसटी को छोड़कर) और गैर-वित्तीय लेनदेन पर 8.50 रुपये (जीएसटी को छोड़कर) का शुल्क लिया जाएगा।


अंतरराष्ट्रीय एटीएम ट्रांजैक्शन

यदि ग्राहक भारत के बाहर एटीएम से पैसे निकालते हैं, तो प्रति लेनदेन 125 रुपये और 3.5% मुद्रा रूपांतरण शुल्क लिया जाएगा। इसके अलावा, गैर-वित्तीय लेनदेन के लिए ग्राहकों को 25 रुपये का भुगतान करना होगा, लेकिन वरिष्ठ नागरिकों को इस शुल्क से छूट दी गई है।


लॉकर चार्ज और जुर्माना

लॉकरों के लिए किराए में वृद्धि की गई है और देर से भुगतान पर जुर्माना भी बढ़ा दिया गया है।


डिजिटल भुगतान का महत्व

बैंकिंग सेवाओं में बढ़ते शुल्क को देखते हुए, ग्राहकों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। लेनदेन की लागत से बचने के लिए डिजिटल भुगतान और यूपीआई का अधिक उपयोग करना फायदेमंद होगा।