बिहार चुनाव परिणामों का शेयर बाजार पर संभावित प्रभाव

बिहार विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल के परिणामों ने शेयर बाजार में हलचल मचा दी है। यदि एनडीए सरकार का गठन नहीं होता है, तो निफ्टी में 7 प्रतिशत तक की गिरावट की आशंका जताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि राजनीतिक अस्थिरता से बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जबकि एक नए गठबंधन के विश्वसनीय आर्थिक एजेंडे से बाजार में तेजी भी आ सकती है। जानें, इस स्थिति का बाजार पर क्या असर हो सकता है।
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बिहार चुनाव परिणामों का शेयर बाजार पर संभावित प्रभाव

शेयर बाजार में गिरावट की आशंका

बिहार चुनाव परिणामों का शेयर बाजार पर संभावित प्रभाव

यदि बिहार में एनडीए सरकार का गठन नहीं होता है, तो शेयर बाजार में 7 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।


एग्जिट पोल के परिणाम

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले दो चरणों की वोटिंग के बाद एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ चुके हैं। अधिकांश एग्जिट पोल में एनडीए की जीत की भविष्यवाणी की गई है, और यह भी कहा जा रहा है कि एनडीए को बड़ी जीत मिल सकती है। इसके चलते बुधवार को शेयर बाजार में तेजी देखी गई, जहां सेंसेक्स में 750 अंकों से अधिक की वृद्धि हुई। वहीं, निफ्टी में भी लगभग 230 अंकों का इजाफा हुआ।


शेयर बाजार में हाहाकार की संभावना

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि 14 नवंबर को बिहार विधानसभा के चुनाव परिणामों में एनडीए की हार होती है, तो शेयर बाजार में भारी गिरावट आ सकती है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि इससे केंद्र में मौजूदा सरकार को भी खतरा हो सकता है और एक नया गठबंधन सत्ता में आ सकता है, जिसके गंभीर परिणाम शेयर बाजार पर पड़ सकते हैं।


निफ्टी में गिरावट की भविष्यवाणी

7 फीसदी तक गिर सकता है निफ्टी

घरेलू ब्रोकरेज फर्म इनक्रेड इक्विटीज के अनुसार, यदि केंद्र में एनडीए की जगह क्षेत्रीय नेताओं के नेतृत्व वाला नया गठबंधन आता है, तो निफ्टी इंडेक्स में शॉर्ट टर्म में 5-7 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। पहले के उदाहरणों से पता चलता है कि अप्रत्याशित चुनाव परिणामों के बाद निफ्टी में एक दिन में 6 प्रतिशत की गिरावट आई थी।


बाजार की प्रतिक्रिया

सेंटीमेंट होंगे खराब

यदि वित्तीय बाजार में राजनीतिक अस्थिरता का सामना करना पड़ता है, तो शेयर बाजार की प्रतिक्रिया नकारात्मक हो सकती है। इनक्रेड रिसर्च के प्रत्यूष कमल ने कहा कि गठबंधन की अस्पष्टता से नीतिगत अनिश्चितता उत्पन्न होती है, जिससे विदेशी और घरेलू निवेशकों का बाजार पर विश्वास कमजोर हो सकता है।


बाजार में तेजी की संभावनाएं

फिर कैसे आ सकती तेजी?

हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार की प्रतिक्रिया अस्थायी हो सकती है। यदि नया गठबंधन जल्दी से एक विश्वसनीय आर्थिक एजेंडा प्रस्तुत करता है, तो शेयर बाजार में तेजी आ सकती है।


प्रभावित सेक्टर

कौन से सेक्टर हो सकते हैं प्रभावित?

यदि केंद्र में सत्ता परिवर्तन होता है, तो डिफेंस, सरकारी कंपनियों और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े शेयरों में गिरावट आ सकती है। वहीं, कंज्यूमर और रीजनल बैंक शेयरों में तेजी देखने को मिल सकती है।


एग्जिट पोल के नतीजे

एग्जिट पोल में एनडीए को स्पष्ट जीत

एग्जिट पोल के प्रारंभिक संकेतों में एनडीए की स्पष्ट जीत का अनुमान है। कई सर्वेक्षणों में भाजपा और जद(यू) के नेतृत्व वाले एनडीए की जीत का अनुमान लगाया गया है।


बाजार में तेजी का असर

एग्जिट पोल के बाद बाजार में तेजी

एग्जिट पोल के परिणामों के बाद शेयर बाजार में तेजी देखी जा रही है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 610 अंकों की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है।