बस्तर के लिए नई कनेक्टिविटी: केशकाल बाइपास सड़क का निर्माण

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को बस्तर से जोड़ने वाली केशकाल बाइपास सड़क का निर्माण अब आधिकारिक रूप से शुरू होने जा रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा स्वीकृत इस 11.38 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क पर लगभग 308 करोड़ रुपए खर्च होंगे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस परियोजना को बस्तर के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। यह सड़क न केवल यातायात को सुगम बनाएगी, बल्कि स्थानीय नागरिकों को जाम और दुर्घटनाओं से भी राहत दिलाएगी। जानें इस ऐतिहासिक परियोजना के बारे में और इसके संभावित लाभों के बारे में।
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बस्तर के लिए नई कनेक्टिविटी: केशकाल बाइपास सड़क का निर्माण

केशकाल बाइपास सड़क की स्वीकृति

बस्तर के लिए नई कनेक्टिविटी: केशकाल बाइपास सड़क का निर्माण



  •  11.38 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क का निर्माण

  • सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा स्वीकृति जारी

  • बस्तर की तस्वीर में बदलाव लाने वाली परियोजना


रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को बस्तर से जोड़ने वाली केशकाल बाइपास सड़क को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। इस 11.38 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण पर लगभग 308 करोड़ रुपए खर्च होंगे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त किया है, यह कहते हुए कि यह बाइपास केशकाल घाट क्षेत्र में यातायात बाधाओं को समाप्त कर सुगम और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करेगा।


बस्तर का विकास और कनेक्टिविटी

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि डबल इंजन सरकार के तहत बस्तर क्षेत्र का विकास तेजी से हो रहा है। उन्होंने इस स्वीकृति को केंद्र और राज्य सरकार की समन्वित विकास नीति का परिणाम बताया, जो बस्तर जैसे जनजातीय क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की दूरदर्शिता के लिए आभार व्यक्त किया।


नया आयाम और यातायात में सुधार

बस्तर अंचल में कनेक्टिविटी को नया आयाम


केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर बताया कि छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-43 पर केशकाल घाट खंड को सुगम बनाने के लिए 307.96 करोड़ रुपए की लागत से 11.38 किलोमीटर लंबा 4-लेन बाइपास निर्माण की स्वीकृति दी गई है। यह बाइपास पेव्ड शोल्डर मानक के अनुसार होगा और इससे बस्तर क्षेत्र में कनेक्टिविटी में सुधार होगा।


यातायात दबाव में कमी


बाइपास के निर्माण से वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा, जिससे वाहन चालकों को तेज और निर्बाध यात्रा का अनुभव मिलेगा। यह शहरी क्षेत्रों में यातायात का दबाव कम करेगा, जिससे स्थानीय नागरिकों को जाम और दुर्घटनाओं से राहत मिलेगी। इसके साथ ही, प्रदूषण के स्तर में भी कमी आएगी, जिससे पर्यावरण संतुलन को बढ़ावा मिलेगा।


इतिहास और तथ्य

घाटी में ब्रिटीशकाल में बनी सड़क


केशकाल घाटी में सड़क का निर्माण ब्रिटिश काल में 1910 में किया गया था। यह सड़क जंगलों और पहाड़ों के बीच से होकर गुजरती है और आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा को जोड़ती है।


घाटी का फैक्ट फाइल



  • एनएच क्रमांक-30

  • बाइपास की लंबाई- 11.38 किलोमीटर

  • दैनिक यातायात दबाव- लगभग 25000 वाहन

  • खतरनाक मोड़- 12