पूजा घर के लिए रंगों का सही चयन: वास्तु टिप्स

पूजा घर के लिए रंगों का चयन करते समय वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करना आवश्यक है। सही रंगों का उपयोग न केवल सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, बल्कि घर में शांति भी लाता है। इस लेख में हम जानेंगे कि कौन से रंग पूजा घर के लिए उपयुक्त हैं और किन रंगों से बचना चाहिए। सफेद, हल्का पीला, गुलाबी और नीला रंग सकारात्मकता को बढ़ावा देते हैं, जबकि काला, गहरा लाल और गहरा नीला रंग नकारात्मकता को आकर्षित कर सकते हैं।
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पूजा घर के लिए रंगों का सही चयन: वास्तु टिप्स

पूजा घर में रंगों का महत्व

Vastu Tips: Use colors wisely in the puja room, it is important to choose the right color for happiness, prosperity and peace


वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के हर हिस्से का विशेष महत्व है, लेकिन पूजा घर की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। यहाँ हम भगवान की पूजा करते हैं, जिससे पूरे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। आत्मिक शांति और सकारात्मकता के लिए पूजा घर के वास्तु का ध्यान रखना आवश्यक है। इस लेख में हम जानेंगे कि पूजा घर में कौन से रंगों का उपयोग करना चाहिए और किन रंगों से बचना चाहिए।


सफेद रंग: सफेद रंग को शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। यदि आप अपने पूजा घर की दीवारों को सफेद रंग से रंगते हैं, तो यह मन को शांति प्रदान करेगा और पूरे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेगा।


हल्का पीला रंग: यह रंग भगवान विष्णु का प्रिय है और गुरु बृहस्पति ग्रह का प्रतीक है। हल्का पीला या क्रीम रंग दीवारों पर लगाने से मन की एकाग्रता बढ़ती है। पूजा कक्ष की छत पर पीला रंग और पीले फूलों का उपयोग भी सकारात्मकता लाता है।


हल्का गुलाबी रंग: यह रंग भावनात्मक शांति का प्रतीक है। पूजा घर में हल्का गुलाबी रंग लगाने से घर में सकारात्मकता का संचार होता है। नियमित रूप से गुलाबी फूलों का उपयोग करने से परिवार के सदस्यों के बीच सौहार्द बढ़ता है।


हल्का नीला रंग: नीला रंग मन की शांति को बढ़ावा देता है और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। यदि आप हल्का नीला रंग अपने पूजा घर की दीवारों पर लगाते हैं, तो यह पूजा में ध्यान लगाने में सहायक होगा।


पूजा घर में किन रंगों से बचें: काला रंग पूजा घर में वर्जित है, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है।


इन रंगों से दूर रहें: गहरा लाल और गहरा नीला रंग भी पूजा घर में नहीं होना चाहिए, क्योंकि ये मानसिक अशांति और आक्रामकता को बढ़ावा दे सकते हैं।